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भारत और वेस्टइंडीज के बीच 2 टेस्ट मैचों की सीरीज का दूसरा और आखिरी टेस्ट मैच हैदराबाद में खेला गया जिसमें भारतीय टीम ने तीसरे ही दिन वेस्टइंडीज को 10 विकेट से हराकर सीरीज अपने नाम कर ली। इस से पहले राजकोट में खेले गए पहले मैच में भारत ने पारी और 272 रन से जीत दर्ज की थी। सीरीज शुरू होने से पहले ही जिस एक खिलाड़ी पर सब की नजर थी वो है पृथ्वी शॉ।

टीम में शामिल होने के लिए तैयार बैठे रोहित शर्मा, मुरली विजय जैसे खिलाड़ियों के स्थान पर चयनकर्ताओं ने 18 वर्षीय पृथ्वी शॉ को मौका दिया और पृथ्वी ने टीम में अपने चयन को सही साबित करते हुए ना केवल पहले टेस्ट की पहली ही पारी में शानदार शतक जड़ा बल्कि दूसरे टेस्ट में भी अर्धशतक लगाया। पृथ्वी ने इस सीरीज में एक शतक और 1 अर्धशतक सहित 118.50 की औसत से 237 रन बनाये। इस शानदार प्रदर्शन के लिए पृथ्वी को मैन ऑफ़ द सीरीज का ख़िताब दिया गया।

सीरीज में इस शानदार प्रदर्शन के साथ ही क्रिकेट जगत के कई दिग्गज पृथ्वी की तारीफ कर रहे है और फैंस भी पृथ्वी की तुलना कई बड़े खिलाड़ियों से कर रहे है। इस दौरान भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी और वर्तमान कोच रवि शास्त्री ने पृथ्वी की तुलना क्रिकेट के दिग्गज खिलाडियों सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग और ब्रायन लारा से की है।

पृथ्वी की तारीफ करते हुए शास्त्री ने कहा कि 'शॉ का जन्म क्रिकेट खेलने के लिए ही हुआ है। आप 18 वर्ष की उम्र में ही उनके द्वारा बनाये रिकार्ड्स देख सकते है। ऐसा लगता है जैसे शॉ 8 वर्ष की उम्र से क्रिकेट खेल रहे है। जब मैंने उन्हें पहली बार देखा था तब उनको देखकर मुझे सचिन, सहवाग और लारा की याद आई थी। अगर शॉ इसी तरह से मेहनत करेगा, तो उसका भविष्य बहुत उज्जवल है।

मैच के बाद अपने पहल अंतर्राष्ट्रीय अनुभव के बारे में बात करते हुए शॉ ने कहा कि भारत को मैच जीताना मेरे लिए ख़ुशी का पल था। पहली ही सीरीज में मैन ऑफ़ द सीरीज का अवार्ड मिलना ख़ुशी की बात है। टीम अब मेरे लिए परिवार की तरह बन चुकी है और मैं इस समय का बहुत आनंद ले रहा हूँ।

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