स्पोर्ट्स डेस्क। बात करेंगे एक ऐसे भारतीय क्रिकेटर की जिसने अपनी जिंदगी में कभी क्रिकेटर बनने का सोचा भी नहीं था। लेकिन खेल-खेल में स्कूल के दिनों में थोड़ा बहुत खेल लेने की आदत ने उसे भारत का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर बना दिया। हम बात कर रहे भरत के उस खिलाड़ी की जिसने साल 2011 में भारत को क्रिकेट वर्ल्डकप दिलाने में अहम भूमिका अदा की थी। एक समय था जब 36 वर्षीय मुनाफ पटेल इंडियन क्रिकेट टीम की गेंदबाजी की धुरी हुआ करते थे।

अपनी गेंदबाजी की रफ़्तार से बड़े बड़े बल्लेबाजों के पसीने छुड़ाने वाले मुनाफ क्रिकेट से दूर हैं। वे आज अपने गाँव में आम आदमी की जिदंगी गुजर बसर कर रहे हैं। गाँव के लोग उन्हें बेहद सम्मान की दृष्टि से देखते हैं। आईपीएल के पहले संस्करण में राजस्थान रॉयल्स की टीम की तरफ से खेलने वाले मुनाफ भारत के वो क्रिकेटर हैं जिनमें आज भी काफी क्रिकेट बचा हुआ हैं। लेकिन सवाल ये हैं कि वे क्यों अचानक चकाचौंध से दूर हो गए।

कई क्रिकेट प्रेमियों के मन में ये सवाल जरूर उठेगा कि, आखिरकार मुनाफ के साथ अचानक ऐसा क्या हुआ होगा जो उन्हें स्टारडम से दूर रहने को मजबूर होना पड़ा। जो भी हो मुनाफ ने अपने खेल का 100 प्रतिशत देश को दिया हैं।

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