मीराबाई चानू एक भारतीय भारोत्तोलक हैं जो 2021 टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक जीतकर सुर्खियों में आईं। इससे पहले अमेरिका में आयोजित 2017 वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी उन्हें गोल्ड मेडल मिला था। उन्हें सरकार द्वारा खेल के लिए राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। मीराबाई चानू भारत के पूर्वोत्तर प्रांत मणिपुर से आती हैं। किसी भी आयोजन में उनकी भागीदारी का मतलब पदक होता है। वह वर्तमान में 49 किग्रा भार वर्ग में प्रतिस्पर्धा करती है। उसने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में भारत का नाम रौशन किया है।

बता दें कि मीराबाई चानू का जन्म इंफाल में हुआ था, यह पूर्वी मणिपुर में है और मीरा का जन्म आज ही के दिन यानी 8 अगस्त 1994 को हुआ था। मीराबाई चानू एक मध्यम-निम्न वर्ग परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उसकी मां दुकान चलाती है। उसके पिता पीडब्ल्यूडी में कार्यरत हैं। इतना ही नहीं, मीराबाई के पिता को उनकी प्रतिभा के बारे में बचपन में पता चला जब मीराबाई लकड़ी के बंडल को आसानी से उठा लेती थीं, जो कि बड़ों के लिए भी मुश्किल था। मीराबाई को बचपन से ही भारोत्तोलन का शौक था।

मीराबाई चानू के कुछ महत्वपूर्ण रिकॉर्ड निम्नलिखित हैं: -

2014 में, मीराबाई ने 48 किग्रा भार वर्ग में ग्लासगो में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीता था।

मीराबाई ने 2016 में गुवाहाटी में दक्षिण एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था।

साल 2017 में मीराबाई ने वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप के 48 किलो भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीता था।

वर्ष 2018 में उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में 48 किलोग्राम भार वर्ग वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था।

खेलों में अपने बेहतर प्रदर्शन के कारण मीराबाई चानू ने समय-समय पर मणिपुर और भारत का नाम रोशन किया है। मीराबाई का नाम देश की कुछ चुनिंदा महिला भारोत्तोलकों में प्रमुखता से आता है।

मीराबाई चानू को भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया है।

मणिपुर सरकार खेलों में उनके प्रदर्शन के लिए 20 लाख रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान करती है।

भारत सरकार द्वारा राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार।

चल रहे राष्ट्रीय खेलों में भी मीरा बाई चानू ने भारत का नाम रौशन किया है, उन्होंने भारोत्तोलन में स्वर्ण पदक जीता है।

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