स्पोर्ट्स डेस्क। क्रिकेट आज विश्व भर में लोकप्रिय हैं, इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता हैं कि अन्य खेलों की तुलना में क्रिकेट के बारे हर व्यक्ति अपनी समझ मजबूत रखता हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं इस लोकप्रिय खेल को भारत में लाने का श्रेय किसको जाता हैं ? क्या दोस्तों कभी सोचा हैं भारत में क्रिकेट का पहला खिलाड़ी कौन था ? कुछ ऐसे सवालों में हम कभी ना कभी फंसे होंगे।

बता दे भारत के सबसे पहले क्रिकेट खिलाड़ी थे 'रणजीत सिंह', जिनके नाम पर आज रणजी ट्रॉफी का आयोजन किया जाता हैं। रणजीत 10 सितम्बर 1872 को जन्मे और उनके जन्म के 5 साल बाद 1877 में ही टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत की गयी। उस वक्त भारत में अंग्रेजों को शाशन हुआ करता था।

उस समय ऑस्ट्रेलया हुए इंग्लैंड सबसे ज्यादा क्रिकेट खेला करते थे, यह इन देशो का राष्ट्रिय खेल भी हुआ करता था और आज भी हैं। रणजीत पढ़ाई करने भारत से इंगलेंड गए तो उनका क्रिकेट के प्रति रुझान बढ़ा और काफी प्रयास के बाद उनका सिलेक्शन इंगलेंड की क्रिकेट टीम में हो गया था। वे इंग्लैंड में ससेक्स क्लब के लिए खेले और अच्छे प्रदर्शन से टीम में सेलेक्ट हुए।

रणजीत सिंह ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 307 प्रथम श्रेणी मैच खेलते हुए करीब 56 के औसत से 24692 रन बनाए, जिसमें 72 शतक और 109 अर्धशतक शामिल हैं। उन्होंने भारत के खिलाड़ी के तौर पर इंगलेंड क्रिकेट टीम से अपना करियर शुरू किया। वर्ष 1896 में इंग्लैंड टीम में उन्हें चुना गया था। उन्होंने ससेक्स क्लब के लिए चार साल तक कप्तानी भी की।

उस वक्त भारतीय होने के बाबजूद इंगलेंड टीम में रणजीत के चयन का काफी विरोध हुआ। लेकिन फिर भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रणजीत का चयन हुआ। पहले टेस्ट मैच में मौका नहीं मिलने के बाद उन्हें दूसरे मैच में खिलाया गया। पहली पारी में रणजीत ने 62 और दूसरी पारी में वे 154 (23 चौके) पर नॉट आउट रहे। इसी के साथ रणजीत टेस्ट क्रिकेट के पहले खिलाड़ी बने जो करियर के पहले टेस्ट मैच में शतक ठोकते हुए नॉट आउट रहे।

उन्होंने अपना पहला और आखिरी मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ और मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रेफ्फोर्ड मैदान पर खेला। आखिरी मैच में रणजीत ने 6 रन बनाये। वर्ष 1904 में भारत वापसी के बाद वे 1907 में नवानगर के महाराजा बने। वर्ष 1934 में उनके नाम पर रणजी ट्रॉफी शुरू हुई जो आज भी खेली जाती हैं। अंतराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बनने का गौरव हासिल किया रणजीत सिंह ने।

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