फिलहाल ज्यादातर खेल कोरोना से प्रभावित हुए हैं। कई खिलाड़ी इस समय घर में ही कोराना से बचाव में जुटे हुए हैं। इसी बीच एक अंतरराष्ट्रीय भारतीय फुटबॉलर को जानकारी आ रही है कि वह नदी की रक्षा कर रहा है। टीम इंडिया के स्ट्राइकर जेजे लालपेखलुआ अपने गृह राज्य मिजोरम में तुइचांग नदी पर मछली पकड़ने को रोककर नदी की रक्षा कर रहे हैं। इस अभियान से नदी में मछलियों की संख्या बढ़ेगी और स्थानीय मछुआरों की आजीविका में मदद मिलेगी।

तुइचांग नदी पिछले कुछ समय से शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है। जिससे स्थानीय लोग भी मछलियों को बचाने के काम में जुट गए। स्थानीय लोगों ने लगातार नदी पर सुरक्षा गार्डों को भरना शुरू कर दिया था। वहीं कई लोगों ने नदी के किनारे कैंप लगा रखा था। अब भारतीय टीम और एफसी ईस्ट बंगाल फॉरवर्ड लालपेखलुआ भी शामिल हो गए हैं।

फुटबॉलर ने अपने गांव मॉडल वांग हानाहथियाल में कई युवाओं के साथ एक समूह बनाया है। जिन्होंने नदी के किनारे दिन-रात शिविर लगाए हैं। उन्होंने नदी में मछलियों को बचाने और संरक्षित करने में मदद करना शुरू कर दिया है। लालपेखलुआ ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पिछले कुछ वर्षों में बड़े पैमाने पर मछली पकड़ने के कारण ताइचुंग नदी में मछलियों की संख्या में नाटकीय रूप से गिरावट आई है। इससे स्थानीय मछुआरों की आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।

मॉडल वांग के स्थानीय लोगों ने तुइचांग नदी के तट पर 500 मीटर के क्षेत्र को सुरक्षित करने की कोशिश की है, जिसे मछली के अंडे देने की जगह माना जाता है। इसकी निगरानी विभिन्न समूहों द्वारा चौबीसों घंटे की जा रही है। जो मछली पकड़ने को रोक सकता है और मछली उत्पादन को बढ़ा सकता है।

लालपेखलुआ ने कहा, "पिछले साल हमारे पास इसी तरह के सुरक्षा उपाय थे।" ताकि क्षेत्र में कोई मछलियां न पकड़ी जा सकें। हमारे लिए यह बहुत जरूरी है कि मछली, कम से कम अपने प्रजनन क्षेत्र में तो सुरक्षित रहे। इस छोटे से प्रयास में हमें अच्छे परिणाम दिखाई देने लगे हैं। शिकारी इधर-उधर भटकते भी नहीं हैं। अब मछुआरे कहते हैं, इतनी मछलियां नदी में सालों से नहीं देखी गई हैं।

Related News