सच कहें तो क्रिकेट जगत में जब से टी-20 मैचों की शुरूआत हुई है, तब से गगनचुंबी छक्कों का प्रदर्शन जोरदार तरीके से देखने को मिल रहा है। इतना ही नहीं जो खिलाड़ी जितने ज्यादा छक्के जड़ता है, उसे उतना ही शानदार बल्लेबाज माना जाता है। क्रिस गेल और डीविलियर्स, महेंद्र सिंह धोनी के हेलिकॉप्टर्स स्टाइल छक्के दुनियाभर में मशहूर हैं। आज हम आपको टीम इंडिया के उस शानदार क्रिकेटर की बात बताने जा रहे हैं, जो अपने वनडे करियर में एक भी छक्का नहीं जड़ पाया।

जी हां, वनडे में टीम इंडिया के खिलाड़ी मनोज प्रभाकर ने जरूरत पड़ने पर ना केवल टीम के लिए ओपनिंग बल्कि बतौर मीडियम पेसर शानदार गेंदबाजी भी की। कुछ ही दिनों बाद मनोज प्रभाकर टीम इंडिया में ऑलराउंडर के रूप में अपना स्थान पक्का कर लिया था। 15 अप्रैल 1963 को जन्मे टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर मनोज प्रभाकर दाएं हाथ के मध्यम तेज गेंदबाज और निचले क्रम के बल्लेबाज थे।

कभी-कभी उन्होंने टीम इंडिया के लिए ओपनिंग भी की। उन्होंने भारत की ओर से साल 1984 से 1996 तक क्रिकेट खेली। 1996 में मनोज प्रभाकर ने क्रिकेट जगत से संन्यास ले लिया। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 96 विकेट तथा अंतर्राष्ट्रीय वनडे क्रिकेट में 157 विकेट हासिल किए थे। जबकि प्रथम श्रेणी के क्रिकेट में 385 से अधिक विकेट लिए हैं। मनोज प्रभाकर ने डरहम की ओर से काउंटी क्रिकेट भी खेला। प्रभाकर को आउट स्विंग गेंदबाजी के लिए याद किया जाता है।

आपको जानकारी के लिए बता दें कि अपने पूरे क्रिकेट करियर में मनोज प्रभाकर ने टीम इंडिया के लिए कुल 39 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 33 रन के औसत 1600 रन बनाए। जबकि 130 वनडे खेले चुके मनोज प्रभाकर के नाम 2 शतक और 11 अर्धशतक हैं। हैरानी की बात यह है कि बल्लेबाजी में अच्छा प्रदर्शन करने वाले मनोज प्रभाकर अपने वनडे करियर में कभी भी छक्का नहीं जड़ सके।

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