डेस्क: टोक्यो पैरालंपिक 2020 में भारतीय आईएएस अधिकारी सुहास यतिराज ने सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। ऐसा करने वाले वह भारत के एकमात्र आईएएस अधिकारी हैं। उनकी जीत के साथ ही उन्होंने इतिहास रच दिया है। सुहास के जीत पर उनकी पत्नी ऋतु सुहास ने भी उन पर गर्व जताया है। उनकी पत्नी का कहना है कि पिछले 6 वर्षों की कड़ी मेहनत का नतीजा आज उन्हें मिला है।

मिसेज इंडिया रह चुकी है ऋतु सुहास

जहां एक तरफ सुहास यतीराज नोएडा के गौतम बुद्ध नगर के डीएम होने के साथ-साथ एक पैरालंपियन भी हैं, वही उनकी पत्नी गाजियाबाद की एडीएम हैं। बता दें कि 2019 में वह मिसेज इंडिया का खिताब भी जीत चुकी है। एडीएम के पद पर कार्यरत रहते हुए उन्होंने मॉडलिंग में भी काफी नाम कमाया है। वही उनके पति ने डीएम पद पर रहते हुए बैडमिंटन के खेल में कमाल कर दिखाया है।

मुख्तार के अवैध निर्माण को ऋतु ने किया ध्वस्त

उत्तर प्रदेश के विधायक व गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के अवैध निर्माण पर जेसीबी चलवाने के कारण ऋतु सुहास चर्चा में आई थी। लखनऊ विकास प्राधिकरण की संयुक्त सचिव रहते हुए उन्होंने मुख्तार के कई अवैध निर्माणों पर रोक लगा दिया था। इसके अलावा भी अधिकारी पद पर रहते हुए उनके द्वारा किए गए कई कामों ने उन्हें चर्चा का केंद्र बना दिया था।

काम के दौरान दोनों अधिकारियों की हुई थी मुलाकात

सुहास यतिराज और ऋतु सुहास की मुलाकात 2006 के लोकसभा चुनाव के दौरान आगरा में हुआ था। यहीं उन दोनों ने एक दूसरे को जाना और दोनों में प्यार हो गया। 2008 में दोनों अधिकारियों ने शादी भी कर ली। उनकी 5 वर्ष की एक बेटी है जिसका नाम सानवी है और उनका बेटा विवान अभी मात्र 2 वर्ष का है।


अंतर्राष्ट्रीय एथलीट हैं सुहास

बैडमिंटन के पुरुष एकल श्रेणी में सुभाष की गिनती विश्व के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में दूसरे नंबर पर होती है। इसी के साथ वह 2007 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के IAS अधिकारी भी हैं। वर्तमान में उनकी पोस्टिंग गौतम बुद्ध नगर में है। वह प्रयागराज के भी डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट रह चुके हैं। 2018 में आयोजित राष्ट्रीय पैराबैडमिंटन चैंपियनशिप में गोल्ड जीतकर वह नेशनल चैंपियन भी बन चुके हैं।

पैरालंपिक में भारत का नाम किया रौशन

फाइनल में पहुंचने में सुहास यतीराज को 31 मिनट का समय लगा। उन्होंने सेमीफाइनल के मैच में सेतियावान फ्रेडी को हराकर गोल्ड के लिए फाइनल मुकाबले में अपनी जगह बनाई थी। बता दें कि फाइनल में उनका सामना फ्रांस के खिलाड़ी लुकास मजूर से था। हालांकि फाइनल मुकाबले में वह जीत नहीं सके लेकिन फिर भी उन्होंने सिल्वर मेडल को अपने नाम किया।

पैरालंपिक में सिल्वर जीतने वाले पहले IAS

टोक्यो पैरालंपिक 2020 में सिल्वर मेडल जीतने वाले सुहास ऐसा करने वाले देश के पहले आईएएस अधिकारी बन गए हैं। 2016 में चीन के बीजिंग शहर में आयोजित प्रोफेशनल इंटरनेशनल बैडमिंटन चैंपियनशिप जीतकर ऐसा करने वाले सुहास पहले भारतीय ब्यूरोक्रेट बन गए हैं। साल 2016 में उन्हें उत्तर प्रदेश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान “यश भारती” से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा प्यारा स्पोर्ट्स में उनके योगदान के कारण “विश्व विकलांगता दिवस” के दिन राज्य सरकार ने उन्हें “बेस्ट पैरा स्पोर्ट्सपर्सन” के सम्मान से सम्मानित किया था। इसके अलावा भी वह नाना प्रकार के सम्मान से सम्मानित हो चुके हैं।

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