खेल डेस्क। टोक्यो ओलंपिक खेलों में भारतीय पहलवान रवि दहिया ने रजत पदक जीतकर देश के मान बढ़ा दिया यह बात तो आप सभी को पता है कि रवि दहिया ने अपनी कुश्ती की ट्रेंनिंग भारत के सबसे पॉपुलर स्टेडियम छत्रसाल से ली थी लेकिन हालही में उन्होंने इस बात का खुलासा किया की उनकी जीत के पीछे सबसे अहम भूमिका किस कोच ने निभाई है।

आपको बता दें की टोक्यो से रजत पदक जीतकर दिल्ली आए रवि दहिया ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया की उनकी टोक्यो ओलंपिक में जीत के पीछे उनके बचपन के गुरूजी ब्रह्मचारी हंसराज की भी अहम भूमिका रही है।

उन्होंने बताया कि मैने करीब छह साल की उम्र से ही पहलवानी करना शुरू कर दिया था वह अपने गांव से तीन किलोमीटर दूर एक अखाड़े में जाते थे जहां के गुरु ब्रह्मचारी हंसराज थे वह ही रवि दहिया को पहलवानी के गुर सिखाते थे 12 साल की उम्र तक रवि को उन्होंने की प्रशिक्षण दिया था इसके बाद ब्रह्मचारी हंसराज रवि को छत्रसाल स्टेडियम छोड़ आए थे और कहा था की यहीं से देश के अच्छे पहलवान निकलते हैं।

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