बजरंग पूनिया ने कहा अमेरिकी पहलवान से में उसी के देश में लूंगा बेलग्रेड का बदला
विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में बजरंग का पहला मुकाबला क्यूबा के पहलवान एलेजांद्रो एनरिक व्लादेस टोबियर के साथ हुआ और इसी मुकाबले में उन्हें सिर पर चोट लग गई थी, लेकिन चिकित्सकों ने उनके सिर पर वो टेप लगाई जो हाथ-पैर में चोट लगने पर लगाई जाती है। इस टेप के इस्तेमाल को लेकर बजरंग ने नाराजगी व्यक्त की। पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा कि दिसंबर में अमेरिकी पहलवान जान माइकल दियाकोमिहालिस को उसी के देश में पटखनी देकर हिसाब चुकता किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अमेरिकी पहलवान के साथ मुकाबले से पहले अगर उन्हें योजना बनाने का कुछ समय मिलता तो पदक का रंग जरूर बदलता।
हाल ही में सर्बिया के बेलग्रेड में हुई विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाले बजरंग पूनिया ने कहा है कि विश्व कप दिसंबर में अमेरिका में खेला जाना है और अगर युनाइटेड विश्व कुश्ती (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने उन्हें मौका दिया, तो बेलग्रेड की कसर अमेरिका में पूरी की जाएगी। विश्व कप में दुनिया की शीर्ष छह टीमें शामिल होनी हैं, लेकिन इस बार विश्व कप में एक वह टीम भी शामिल होगी जिसमें अलग- अलग देशों के शीर्ष पहलवान शामिल होंगे।
भारतीय कुश्ती टीम के प्रशिक्षक सुजीत मान ने कहा, 'यूडब्ल्यूडब्ल्यू के डाक्टरों के पास वो टेप थी जो माथे, हाथ, पैर में चोट लगने के बाद प्रयोग की जाती है। वो काफी कठोर होती है। डाक्टरों ने सिर तथा मुंह पर उसी कठोर टेप का इस्तेमाल किया था।' बजरंग ने कहा, 'मुझे इससे काफी परेशानी हुई हुई क्योंकि टेप मेरे सिर के बाल फंस गए थे। उन्होंने जख्म पर रूई का इस्तेमाल किए बिना टेप चिपका दिया। टेप हटाने के लिए मुझे एक स्थान से अपने बालों को काटना पड़ा। इसे हटाने में 20 मिनट से अधिक का समय लग गया।
अमेरिकी पहलवान के विरुद्ध रणनीति बनाने की जगह मैं और मेरी टीम टेप से निजात पाने में व्यस्त रहे। दो मुकाबलों के बीच मेरे पास 20-25 मिनट का समय था और यह सारा समय टेप हटाने में निकल गया।'