टोक्यो ओलंपिक में खिलाडियों को दिए जाने वाले बेड को लेकर ये दावा किया जा रहा था कि ये बेड बेहद कमजोर है और केवल एक शख्स का वजन झेल सकते हैं। लेकिन आयोजकों ने सोमवार को इस बात की पुष्टि की है कि ओलिंपिक विलेज के बेड काफी मजबूत हैं। इससे पहले न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी खबर में दावा किया गया था कि पलंग जानबूझकर कमजोर बनाए गए हैं ताकि प्लेयर्स सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर सकें।

मैकलेगन ने टि्वटर पर पोस्ट किए गए अपने वीडियो में कहा, 'ये पलंग एंटी-सेक्स कहे जा रहे थे। यह कार्डबोर्ड से बनाए गए हैं। हां, ये खास तरह के मूवमेंट रोकने के लिए हैं। यह, फेक न्यूज है।'

ओलिंपिक के आधिकारिक टि्वटर अकाउंट ने भी इस झूठी खबर से पर्दा हटाने के लिए मैकलेगन का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि पलंग टिकाऊ और मजबूत हैं।

पहले दावा किया गया था कि इस बेड को कार्डबोर्ड से बनाया गया है। ये सिर्फ 1 शख्स का भार उठा पाएगा। दो लोगों के इस पर चढ़ने से ये टूट जाएगा। ये बेड झटके भी बर्दाश्त नहीं कर सकता है। थोड़ा सा भी प्रेशर इसे तोड़ देगा और खिलाड़ी पकड़ा जाएगा।

यह पहली बार नहीं है जब सिर्फ एक व्यक्ति के वजन को झेलने वाले पलंग चर्चा में हैं। जनवरी में निर्माता एयरवीव ने कहा था कि उनका पलंग 200 किलो तक का वजन झेल सकता है, बशर्ते उस पर सिर्फ दो व्यक्ति हों।

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