क्या वाकई Tokyo Olympic में हैं 'एंटी-सेक्स' बेड? जानें सच्चाई
टोक्यो ओलंपिक में खिलाडियों को दिए जाने वाले बेड को लेकर ये दावा किया जा रहा था कि ये बेड बेहद कमजोर है और केवल एक शख्स का वजन झेल सकते हैं। लेकिन आयोजकों ने सोमवार को इस बात की पुष्टि की है कि ओलिंपिक विलेज के बेड काफी मजबूत हैं। इससे पहले न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी खबर में दावा किया गया था कि पलंग जानबूझकर कमजोर बनाए गए हैं ताकि प्लेयर्स सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर सकें।
मैकलेगन ने टि्वटर पर पोस्ट किए गए अपने वीडियो में कहा, 'ये पलंग एंटी-सेक्स कहे जा रहे थे। यह कार्डबोर्ड से बनाए गए हैं। हां, ये खास तरह के मूवमेंट रोकने के लिए हैं। यह, फेक न्यूज है।'
“Anti-sex” beds at the Olympics pic.twitter.com/2jnFm6mKcB— Rhys Mcclenaghan (@McClenaghanRhys) July 18, 2021
ओलिंपिक के आधिकारिक टि्वटर अकाउंट ने भी इस झूठी खबर से पर्दा हटाने के लिए मैकलेगन का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि पलंग टिकाऊ और मजबूत हैं।
Thanks for debunking the myth.You heard it first from @TeamIreland gymnast @McClenaghanRhys - the sustainable cardboard beds are sturdy! #Tokyo2020 https://t.co/lsXbQokGVE— Olympics (@Olympics) July 19, 2021
पहले दावा किया गया था कि इस बेड को कार्डबोर्ड से बनाया गया है। ये सिर्फ 1 शख्स का भार उठा पाएगा। दो लोगों के इस पर चढ़ने से ये टूट जाएगा। ये बेड झटके भी बर्दाश्त नहीं कर सकता है। थोड़ा सा भी प्रेशर इसे तोड़ देगा और खिलाड़ी पकड़ा जाएगा।
यह पहली बार नहीं है जब सिर्फ एक व्यक्ति के वजन को झेलने वाले पलंग चर्चा में हैं। जनवरी में निर्माता एयरवीव ने कहा था कि उनका पलंग 200 किलो तक का वजन झेल सकता है, बशर्ते उस पर सिर्फ दो व्यक्ति हों।