जी हां, आपको बता दें कि क्रिकेट के खेल में हर गेंदबाज कंजूस बनना चाहता है। मतलब साफ है, वह अपनी गेंदबाजी के जरिए कम से कम रन खर्च करना चाहता है। क्रिकेट जगत के कंजूस गेंदबाजों में एक नाम टीम इंडिया के गेंदबाज बापू नाडकर्णी का भी है। बापू नाडकर्णी लेफ़्ट आर्म स्पिनर थे। 1960-61 की बात है, नाडकर्णी ने पाकिस्तान के खिलाफ़ कानपुर में 32 ओवर में महज 23 रन दिए थे। यानि बापू नाडकर्णी ने कुल 32 ओवर गेंदबाजी की थी, जिसमें 24 ओवर मेडेन फेंके थे। नाडकर्णी ने अपने जीवन में प्रति ओवर मात्र 1.67 रन दिए।

1960 के दशक में इंग्लैंड के बल्लेबाज बापू नाडकर्णी के खिलाफ़ रन बनाने को तरस गए थे। इंग्लैंड की टीम 7 हफ़्तों के लिए इंडियन दौरे पर आई थी। मद्रास में मैच खेला गया। इंडियन टीम के कप्तान नवाब पटौदी ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का फैसला लिया। टीम इंडिया ने 2 दिन की बल्लेबाजी में 7 विकेट के नुकसान पर 457 रन बनाकर पारी घोषित कर दी थी। उन दिनों इंग्लैंड की टीम में रिची बेनॉड एक बड़ा नाम था।

बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड की टीम तीसरे दिन एक विकेट के नुकसान पर 86 रन ही बना सकी। दिन के आखिरी दो घंटे में मात्र 27 रन बने थे। बता दें कि तीसरे दिन लंच के बाद नाडकर्णी ने गेंदबाजी करनी शुरू की थी। तीसरे दिन नाडकर्णी ने 21 ओवर और 5 गेंदें फेंकीं, लेकिन इंग्लैंड की टीम एक भी रन नहीं बना सकी। लंच के बाद 12 ओवर तक एक भी रन नहीं बना। चंदू बोर्डे की एक गेंद पर एक सिंगल आया।

दिन के आखिर तक नाडकर्णी ने कुल 29 ओवर फेंके, जिसमें 26 मेडेन ओवर रहे तथा मात्र 3 रन दिए।नाडकर्णी ने अगले दिन भी कुल 3 ओवर फेंके जिसमें एक ओवर मेडेन रहा। यानि कुल मिलाकर बापू नाडकर्णी ने 32 ओवर में 27 मेडेन और 5 रन दिए। इंग्लैंड के खिलाफ पूरी सीरीज में बापू नाडकर्णी ने 212 ओवर में मात्र 278 रन दिए थे, जबकि महज 9 विकेट हासिल किए।

Related News