भारत का उत्तरी राज्य जम्मू-कश्मीर हर समय किसी ना किसी वजह को लेकर सुर्ख़ियों में रहता है। भारत के इस खूबसूरत राज्य में कई ऐसे कानून है जो कि इसे भारत के अन्य राज्यों से अलग बनाते है। आपने कश्मीर में धारा 370 के बारे में तो सुना होगा लेकिन क्या आप जानते है कि जम्मू-कश्मीर भारत का एकमात्र ऐसा राज्य है जिसकी एक नहीं बल्कि दो राजधानियां है।

जी हाँ, आपने बिलकुल सही पढ़ा कि जम्मू कश्मीर की दो राजधानियां श्रीनगर और जम्मू है। बता दें कि गर्मियों में जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर होती है जो कि सर्दियों की शुरुआत होते ही यह जम्मू आ जाती है। राजधानी बदलने की इस प्रक्रिया को 'दरबार मूव' कहा जाता है जो कि एक बार फिर हाल ही में पूरा हुआ है। जम्मू-कश्मीर में हर 6 महीने में राजधानी बदलने की यह प्रक्रिया अंग्रेजों के समय से ही चली आ रही है।

राजधानी बदलने की यह प्रक्रिया 1862 में शुरू हुई थी। उस समय राज्य में डोगरा शासक गुलाब सिंह का शासन था जो कि महाराजा हरी सिंह के वंशज थे। श्रीनगर में सर्दी ज्यादा होने के कारण इस मौसम में राजधानी को श्रीनगर से जम्मू शिफ्ट कर दिया जाता था। हालाँकि राजधानी बदलने की इस प्रक्रिया में बहुत खर्चा होता है जिसकी वजह से कई बार इसका विरोध भी होता रहा है।

मई से अक्टूबर तक जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर रहती है और इसके बाद नवम्बर से अप्रैल तक यह जम्मू चली जाती है। राजधानी बदलने की इस प्रक्रिया के साथ राज्य का हाईकोर्ट भी बदलता रहता है। राजधानी बदलने की इस प्रक्रिया में राज्य के सरकारी ऑफिसों के फर्नीचर, फाइल, कंप्यूटर और अन्य रेकॉर्ड्स को ट्रकों में भरकर शिफ्ट किया जाता है जिसमें करोड़ों रूपये खर्च होते है। इस वजह से इन ऑफिसों में काम करने वाले कर्मचारियों को भी अपने रहने का स्थान बदलना पड़ता है।

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