इस साल 7 दिसंबर से 29 दिसंबर तक संसद का शीतकालीन सत्र चलेगा। आगामी शीतकालीन सत्र में 23 दिनों में कुल 17 कार्य दिवस होंगे। अमृत काल के बीच सत्र के दौरान विधायी कार्य और अन्य मुद्दों पर चर्चा की उम्मीद है। रचनात्मक बहस के लिए हम तैयार हैं। इसकी जानकारी केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने दी।

पहला दिन हो सकता है स्थगित
मौजूदा सदस्यों के निधन के मद्देनजर आगामी सत्र का पहला दिन स्थगित होने की संभावना है। हाल ही में जिन मौजूदा सांसदों का निधन हुआ है उनमें समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव भी शामिल हैं।

सूत्रों का यह भी कहना है कि चूंकि कोविड की संख्या में काफी गिरावट आई है और लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय के अधिकांश सदस्यों और कर्मचारियों का पूरी तरह से टीकाकरण हो चुका है, इसलिए सत्र बिना किसी बड़े कोविड-प्रेरित प्रतिबंधों के आयोजित होने की संभावना है।

पहली बार धनखड़ करेंगे सत्र का संचालन
यह पहला सत्र होगा, जिसके दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, जो राज्यसभा के सभापति हैं, उच्च सदन में कार्यवाही का संचालन करेंगे। सरकार आगामी सत्र के दौरान पारित होने वाले विधेयकों की एक सूची तैयार करेगी, जबकि विपक्ष जरूरी मामलों पर चर्चा की मांग करेगा।

मानसून सत्र 18 जुलाई को हुआ था शुरू
बता दें कि मानसून सत्र 18 जुलाई को शुरू हुआ था और 8 अगस्त को स्थगित हुआ था। इस सत्र में 22 दिनों की अवधि में 16 सत्र हुए थे। सत्र के दौरान लोकसभा में छह विधेयक पेश किए गए। पिछले सत्र के दौरान सात विधेयक लोकसभा और पांच विधेयक राज्यसभा द्वारा पारित किए गए। एक विधेयक वापस ले लिया गया। सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयकों की कुल संख्या 5 थी।


पिछले सत्र के दौरान, दोनों सदनों में मूल्य वृद्धि सहित 5 अल्पकालिक चर्चाएँ रखी गईं। लोकसभा की उत्पादकता लगभग 48 प्रतिशत और राज्यसभा की 44 प्रतिशत थी।

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