COVID-19 महामारी ने दुनिया की आर्थिक स्थिति को हिला दिया है। सभी देश आर्थिक स्थिति को पटरी पर लाने के प्रयास में लगे हुए हैं। इस केंद्रीय यूरोपीय आयोग ने कुछ नीतियों की शुरुआत की है, जिनका उपयोग करके देश अपनी आर्थिक स्थितियों को ठीक कर सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं। उसी यूरोपीय इकाई के सबसे शक्तिशाली और वरिष्ठ अधिकारी, उर्सुला वॉन डेर लीन ने कहा कि यूरोपीय इकाई को 2030 तक अपने उत्सर्जन में कमी के उद्देश्य को कम से कम 55 प्रतिशत तक बढ़ाना होगा।

61 वर्षीय फॉन डे लेन ने पिछले साल यूरोपीय आयोग की कुर्सी संभाली थी। इससे पहले वह जर्मनी की रक्षा मंत्री थीं। जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल की सीडीयू पार्टी में रहने वाले फॉन डे लाइन पेशे से चिकित्सक रहे हैं। इसी रणनीति को उन्होंने COVID-19 खतरे के दौरान बिगड़ती आर्थिक स्थिति को ठीक करने के लिए पेश किया है जिसे "ग्रीन न्यू डील" कहा जा रहा है। ब्रसेल्स में यूरोपीय सांसदों के सामने अपने भाषण में उन्होंने कहा कि मेरा मानना ​​है कि 40 प्रतिशत से 55 प्रतिशत तक उद्देश्य बढ़ाना कुछ व्यक्तियों के लिए बहुत अधिक होगा जबकि यह दूसरों के लिए उपयुक्त नहीं है।

उन्होंने आगे कहा कि हमारा आकलन बताता है कि हमारा अर्थशास्त्र और व्यवसाय ऐसा करने में सक्षम हैं। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि यूरोपीय इकाई के 750 बिलियन यूरो के सीओवीआईडी ​​-19 वायरस रिकवरी पैकेज का 30 प्रतिशत ग्रीन बांड के माध्यम से उठाया जाना चाहिए। ग्रीन बांड वित्तीय उपकरण हैं जिनके माध्यम से पर्यावरण के अनुकूल परियोजनाओं के लिए धन जुटाया जाता है। एक प्रोत्साहन रणनीति पर जुलाई में यूरोपीय इकाई को मंजूरी दी गई थी।

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