दोस्तों, आपको बता दें कि कांग्रेस पिछले 15 सालों से मध्य प्रदेश में सत्ता वापसी को तरस रही है। लेकिन इस बार यह वनवास खत्म करने की जिम्मेदारी राहुल गांधी ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ को सौंपी है। छिंदवाड़ा से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ की अगुवाई में कांग्रेस पार्टी मध्य प्रदेश में अपनी सरकार बनाने के लिए जोरदार कोशिश कर रही है। आइए जानें, राहुल गांधी ने आखिरकार कमलनाथ पर ही अपना भरोसा क्यों जताया?

दोस्तों, आपको याद दिला दें कि पश्चिम बंगाल के रहने वाले कमलनाथ का मध्यप्रदेश से बहुत पुराना राजनीतिक रिश्ता है। वह तब से मध्यप्रदेश की राजनीति कर रहे हैं, जब कांग्रेस में संजय गांधी की तूती बोलती थी। संजय गांधी और कमलनाथ की दोस्ती आज भी याद की जाती है।

दरअसल इन दोनों नेताओं की दोस्ती देहरादून की स्कूली शिक्षा के दौरान प्रारंभ हुई थी, जो संजय गांधी की मौत के बाद ही खत्म हो सकी। संजय गांधी के साथ दोस्ती का ही परिणाम रहा कि कमलनाथ गांधी परिवार के बिल्कुल करीबी रहे।

इतना ही नहीं कमलनाथ की पहचान कांग्रेस पार्टी में एक कुशल नेता के रूप है। 9 बार सांसद रह चुके कमलनाथ की राजनीति छवि बेहद साफ-सुथरी है। दिल्ली स्थित उनका राजनीतिक कार्यालय 24 घंटे कार्यकर्ताओं के लिए खुला रहता है। चुनावों में सैटेलाइट फोन और हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल करने शुरूआती नेताओं में कमलनाथ का भी नाम शुमार किया जाता है।

Related News