राजेंद्र प्रसाद 26 जनवरी 1950 को राष्ट्रपति पद की शपथ क्यों नहीं लेना चाहते थे?
\आज हम आपको देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद से जुड़ी कुछ रोचक बातें बताने जा रहे हैं। बिहार की राजधानी पटना के एग्जीबिशन रोड पर मौजूद पंजाब नेशनल बैंक की एक शाखा में डॉ. राजेंद्र प्रसाद का एक खाता आज भी मौजूद है, खाता संख्या है 0380000100030687। इस खाते में करीब दो हजार रुपए पड़े हुए हैं। राजेंद्र प्रसाद का निधन हुए करीब 55 साल बीत चुके हैं, लेकिन पंजाब नेशनल बैंक इस खाते में हर 6 महीने में ब्याज जमा कर देता है। दरअसल बैंक ने इस खाते को अपने पहले अकाउंट का दर्जा दिया हुआ है।
यह बात सभी जानते हैं कि संविधान नवंबर 1949 में ही बनकर तैयार हो गया था, लेकिन इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। चूंकि 26 जनवरी की तारीख भारतीय मुक्ति संग्राम के लिए एक खास तारीख थी। 26 जनवरी 1929 को ही लाहौर अधिवेशन में कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज की घोषणा की थी। इसलिए संविधान सभा के लोग इस दिन को हमेशा के लिए यादगार बनाना चाहते थे।
आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद इस दिन को लेकर खुश नहीं थे। चूंकि राजेंद्र प्रसाद एक परंपरावादी हिंदू थे, इसलिए 26 जनवरी 1950 का यह दिन ज्योतिष के हिसाब से ठीक नहीं था। चूंकि पंडित जवाहरलाल नेहरू पश्चिम में पढ़े-लिखे थे, आधुनिक विचारधारा के पक्षधर थे। इसलिए ना चाहते भी राजेंद्र प्रसाद को 26 जनवरी, 1950 को 10 बजकर 24 मिनट पर अश्विन नक्षत्र में राष्ट्रपति पद की शपथ लेनी पड़ी थी।