दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल अब अकेले पड़ते जा रहे है। एक के बाद एक और अहम साथी केजरीवाल को अकेला छोड़ते जा रहे है। आम आदमी पार्टी बनी है तब से 13 करीबी नेता केजरीवाल को छोड़ कर जा चुके है। ये है लिस्ट -

1- आशीष खेतान

आशीष खेतान ने इसलिए पार्टी छोड़ दी की उनका ध्यान अपनी लॉ प्रैक्टिस पर है, इसलिए मैं एक्टिव पॉलिटिक्स से दूर हूं। आशीष खेतान पहले ही दिल्ली डायलॉग कमिशन के वाइस चेयरमैन पद से इस्तीफा दे चुके हैं।

2- आशुतोष

आशुतोष ने 2014 में एक टीवी न्यूज चैनल के मैनेजिंग एडिटर के पद से इस्तीफा देकर आम आदमी पार्टी जॉइन की थी। उन्होंने 2014 में ही दिल्ली के चांदनी चौक से चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। आशुतोष ने ट्वीट कर लिखा कि हर सफर का अंत होता है। आप के साथ मेरा शानदार और क्रांतिकारी सफर आज खत्म हुआ। मैंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।

3- शांति भूषण

शांति भूषण ने पार्टी की स्थापना पर 1 करोड़ रुपए का चंदा दिया था। हालांकि, 2014 से ही उनका आप से मोहभंग हो गया था। उन्होंने केजरीवाल पर अनुभवहीन, दिल्ली विधानसभा चुनावों में टिकट बंटवारे में गड़बड़ी, पार्टी में मनमानी चलाने जैसे कई आरोप लगाए थे।

4- प्रशांत भूषण

एक समय में पार्टी के थिंक टैंक का अहम हिस्सा रहे और कानूनी मोर्चे पर पार्टी की कमान संभालने वाले प्रशांत भूषण अब पार्टी के साथ नहीं हैं। उन्हें पार्टी की पीएसी, राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति से बाहर करने के बाद पार्टी से भी बाहर कर दिया गया।

5- योगेंद्र यादव

राजनीतिक विचारक योगेंद्र यादव का भी आम आदमी पार्टी की स्थापना में अहम रोल रहा. योगेंद्र पार्टी के लिए चुनावी रणनीति बनाने में अहम भूमिका निभाते थे। हालांकि, उन्हें भी प्रशांत भूषण के साथ, पार्टी विरोधी गतिविधिय़ों के आरोप में पार्टी से निकाल दिया गया।

6- आनंद कुमार

समाजशास्त्री आनंद कुमार ने भी योगेंद्र और प्रशांत के साथ ही भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में हिस्सा लिया था. वह आम आदमी पार्टी के साथ शुरुआत से जुड़े थे. उन्होंने पार्टी की ओर से उत्तरी-पूर्वी दिल्ली से लोकसभा चुनाव लड़ा था और दूसरे नंबर पर रहे थे. उन्हें भी पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में आप से बाहर निकाला गया. फिलहाल वह अध्यापन कर रहे हैं.

7- अंजली दमानिया

पेशे से पैथोलॉजिस्ट रहीं अंजली दमानिया अरविंद केजरीवाल के साथ भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के समय से ही जुड़ गई थीं। 2015 में अरविंद केजरीवाल पर कांग्रेसी सांसदों को खरीदने का आरोप लगा तो उन्होंने पार्टी छोड़ दी।

8- मयंक गांधी

सामाजिक कार्यकर्ता मयंक गांधी और अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में साथ आए थे। उन्होंने प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को पार्टी से बाहर करने पर भी सवाल खड़े किए थे। उन्होंने केजरीवाल पर ईमानदारी की राजनीति से पीछे हटने, कार्यकर्ताओं का इस्तेमाल करके उन्हें छोड़ देने और राजनीति में रुचि खत्म होने का हवाला देकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

9- किरन बेदी

किरन बेदी भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल आंदोलन का बड़ा चेहरा थीं। एक समय खूबसूरत रहा यह रिश्ता दिल्ली विधानसभा चुनावों में अपने सबसे बुरे दौर में आया जब दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के खिलाफ कई बार तल्ख बयान दिए।

10- शाजिया इल्मी

2014 के लोकसभा चुनावों में पार्टी की करारी हार के बाद शाजिया ने न सिर्फ पार्टी छोड़ी बल्कि केजरीवाल पर आतंरिक लोकतंत्र नहीं बनाने का आरोप लगाया।

11- विनोद कुमार बिन्नी

दिसंबर 2013 में वह मंत्रालय बंटवारे से नाखुश हुए थे। इसके बाद उन्होंने पार्टी पर अपने सिद्धांतों से हटने का आरोप लगाया। जनवरी 2014 में उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया।

12- कपिल मिश्रा

दिल्ली की आप सरकार में जल संसाधन मंत्री रहे कपिल मिश्रा से मई 2017 में उनका मंत्रालय ले लिया गया था। उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी निलंबित कर दिया गया था। तब मिश्रा ने पार्टी छोड़ने की धमकी दे रहे कुमार विश्वास का साथ दिया था।

13- एमएस धीर

एमएस धीर आप सरकार के पहले कार्यकाल में विधानसभा अध्यक्ष थे। दिल्ली में सिख समुदाय की संख्या देखते हुए धीर का जाना आप के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा था।

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