आखिर पीएम मोदी को क्यों याद आई सीएम योगी के संसद में रोने की बात
पीएम मोदी ने कोरोना काल में डॉक्टरों से बातचीत की है। उन्होंने कोरोना को नियंत्रित करने के लिए डॉक्टरों की तारीफ़ भी की। इस दौरान डॉक्टरों द्वारा किए जाने वाले प्रयासों ने उन्हें काफी सराहा है। पीएम मोदी ने कहा कि वाराणसी की धरती में बाबा विश्वनाध विराजमान हैं। यहां हर कोई बाबा विश्वनाथ स्वरूप हैं। उन्होंने डॉक्टर्स, एंबुलेंस ड्राइवर, नर्स, वार्ड ब्यॉय, टेक्निशियन, का कोरोना नियंत्रण करने की लड़ाई में साथ देने का धन्यवाद दिया।
योगी सरकार की तारीफ की
पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ़ की और कहा कि सीएम योगी जब गोरखपुर से सासंद थे, तो उस समय पूर्वांचल में दिमागी बुखार से एक के बाद एक बच्चों की मौत होती थी। वे उस समय संसद में बच्चों के लिए रोये भी थे। इन मौतों ने उन्हें रुला दिया था। वे सरकार से प्राथना कर रहे थे कि बच्चों को बचाएं। उन्हें प्रदेश में दिमागी बुखार से बच्चों की चिंता रहती थी। लेकिन उनकी बातों को सुना नहीं जाता था। जब वह मुख्यमंत्री बने तो भारत सरकार और यूपी सरकार ने मिलकर दिमागी बुखार के खिलाफ बहुत बड़ा अभियान शुरू किया। जिसमे आज योगी सरकार सफल हुई है।
यूपी सरकार ने बच्चों की जिंदगी बचाने में सफल हुई। इस बीमारी को काफी हद तक नियंत्रण में किया। हमें याद रखना है कि यह लड़ाई अदृश्य और रूप बदलने वाले धूर्त किस्म के दुश्मन के खिलाफ है। इस लड़ाई में हमें कोरोना से अपने बच्चों को भी बचाकर रखना है।
पीएम मोदी ने कोरोना से मारे गए लोगों के परिवारजनों को भी सांत्वना दी है। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में हमें साथ लड़ना है। इस बार संक्रमण दर भी पहले से कई गुना ज्यादा है। मरीजों को ज्यादा दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ रहा है। इस असाधारण परिस्थिति में भी हमारे डॉक्टर्स, हेल्थ वर्कर्स के इतने बड़े परिश्रम से ही इस दबाव को संभालना संभव हुआ है।
फ्रंटलाइन वर्करों का धन्यवाद करते हुए कहा कि बहुत से लोगों ने रात दिन इस लड़ाई में काम किया है। खुद की तकलीफ, आराम इन सबसे ऊपर उठकर जी-जान से काम करते रहे। बनारस ने जिस स्पीड से इतने कम समय में ऑक्सीन और आईसीयू बेड्स की संख्या कई गुना बढ़ाई है, जिस तरह से इतनी जल्दी पंडित राजन मिश्र कोविड अस्पताल को सक्रिय किया है, ये भी अपने आप में एक उदाहरण है।