भारत एक विविधताओं से भरा देश है। यहाँ आपको जगमगाते स्वर्ण मंदिर से लेकर, चार धाम और मंदिर मस्जिद तक सब मिल जाएंगे। लेकिन आज तक विविधताओं से भरे इस देश में कोई भी मुस्लिम प्रधानमंत्री नहीं बन पाया है।

आज़ादी के 67 साल भी, इस सेक्युलर भारत में एक भी मुस्लिम, भारत का प्रधान मंत्री नियुक्त नहीं किया गया।

इसके दो कारण हो सकते हैं। पहला ये कि देश में इतने प्रभावशाली मुस्लिम नेता या लीडर नहीं बचे हैं और जो हैं वो अतिवादी खयालातों के हैं। दूसरा कारण है कि 85% लोग हिंदू हैं, तो वो किसी मुस्लिम को प्रधानमंत्री कैसे चुनेंगे जबकि हिन्दू मुस्लिम के बीच की खट्टास को हम सभी जानते हैं।

अगर एक मुस्लिम, प्रधान मंत्री बन भी गया तो वो देश को कैसे संभाल पाएगा? जबकि देश में हर दिन कुछ नया होता रहता है। लोगों की सोच भी हर पल किसी इंसान को हिन्दू मुस्लिम के तराजू में तोलती है।

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