5 बार नॉमिनेट होने के बाद भी महात्मा गांधी को क्यों नहीं मिला शांति नोबेल पुरस्कार, जानिए सच्चाई
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आज जयंती है,गांधी जी पूरी दुनिया में सत्य और अहिंसा के पुजारी के रूप में जाने जाते हैं, वैसे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर बहुत से लोग बहुत कुछ जानते हैं, लेकिन आपको पता है, ऐसी कौन सी घटनाएं हैं, जिसके लिए उन्हें शांति का नोबेल पुरस्कार नहीं मिला है, इस पुरस्कार के लिए उन्हें 5 बार नॉमिनेट किया गया है, लेकिन तब भी उन्हें नहीं मिला तो चलिए आज जानते है इस विषय पर ,,
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अहिंसा के बल पर देश को अंग्रेजों के शासन से आजाद कराने वाले बापू ने देश में शांति बनाए रखने के लिए क्या कुछ नहीं किया। गांधी जी20वीं सदी में अहिंसा के सबसे बड़े प्रतीक बने और यही कारण रहा है कि उन्हें कई बार शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया गया। लेकिन हर बार किसी चूक की वजह से ये काम अधूरा ही रह गया, पांचवी और आखिरी बार उन्हें 1948 में नॉमिनेट किया गया लेकिन नॉमिनेशन की आखिरी तारीख से 2 दिन पहले उनकी हत्या कर दी गई थी।
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सन 1937, 1938, 1939, 1947 और 1948 में शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए नॉमिनेट हुए, लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि उन्हें एक बार भी नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिला। Nobelprize.org पर दी गई जानकारी के मुताबिक यह बात स्वीकार कर चुकी है कि महात्मा गांधी को शांति पुरस्कार नहीं देना एक चूक थी।