एमओ मथाई की किताब रिमिनिसेंसेज ऑफ द नेहरू एज के मुताबिक, जब इंदिरा गांधी 16 साल की होने वाली थीं, उस से एक दिन पहले फिरोज गांधी ने इंदिरा गांधी के लिए विवाह का प्रस्ताव रखा और शादी करने की इच्छा जताई।

फिरोज की यह बात सुनकर इंदिरा अवाक रह गईं। वे उनकी इस बात से नाराज हुई और इसकी शिकायत अपनी मां कमला नेहरू से भी कर दी। उनकी माँ ने शादी से साफ़ इनकार कर दिया और कहा कि ये शादी कभी नहीं हो सकती है। लेकिन इसके बावजूद फिरोज गांधी आनंद भवन में आते रहे।

उसके बाद इंदिरा के घर वालों ने उन्हें पढ़ने के लिए लंदन भेज दिया। उनका प्यार पाने के लिए फिरोज गांधी ने जानबूझकर लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में दाखिला ले लिया और उनकी कोशिशों के बाद वे इंदिरा गांधी का प्यार पाने में सफल हुए।

पुस्तक इंदिराः द लाइफ ऑफ इंदिरा नेहरू गांधी में कैथरीन फ्रेंक ने लिखा है इंदिरा और फिरोज ने पहले ही शादी कर ली थी और शादी करने से पहले ही वे एक दूसरे के साथ रहते थे। इंदिरा गांधी ने अपने पिता पं. जवाहर लाल नेहरू से यह बताया कि वह फिरोज गांधी से प्यार करती हैं तो इस बात को सुनकर नेहरू काफी नाराज हुए और वे नहीं चाहते थे कि ये शादी हो, बावजूद इसके उन दोनों की शादी हो गई।

शादी के बाद फिरोज गांधी और इंदिरा के बीच अनबन शुरू हो गई। उस समय इंदिरा प्रेग्नेंट थी और राजीव गांधी उनके गर्भ में थे। तब इंदिरा को राजीव के एक अफेयर के बारे में पता चला। इसे सुन कर इंदिरा को काफी दुःख पहुंचा। फिरोज के एक नहीं कई महिलाओं के साथ अफेयर की खबरें इंदिरा के कानों तक पहुंचती रहीं। पति की इस तरह की बेवफाई देख कर इंदिरा ने उनसे दूरियां बनाना शुरू कर दिया।

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