जब इंदिरा गांधी को कहा गया था गूंगी गुड़िया, तब उन्होंने बदल दिया था पाकिस्तान का नक्शा
इंदिरा गांधी देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थी और ये कहा जा सकता है कि वे एक कठोर फैसले वाली महिला थी। वे बहुत ही प्रभावी महिला थी। कड़े से कड़े फैसलों को कैसे लागू करना है ये बात इंदिरा अच्छे से जानती थी। आइए जानते हैं इंदिरा के कड़े फैसले के बारे में....
इंदिरा को सत्ता विरासत में मिली थी, लेकिन वो हालात बहुत मुश्किल थे। विपक्ष उन पर हमेशा पलटवार करता था और उन्हें बहुत कुछ सुनना पड़ता था। एक बार तो उन्हें गूंगी गुड़िया तक कह दिया गया। लेकिन इन्होने सबकी जबान पर लगाम लगा दी।
लाल बहादुर शास्त्री की मौत के बाद इंदिरा गांधी को भारत के प्रधानमंत्री का पद मिला। इस बात से मोरारजी देसाई नाराज थे। इन दोनों के रिश्ते कभी अच्छे नहीं रहे लेकिन फिर भी इंदिरा ने मोरारजी देसाई को उपप्रधानमंत्री बनाया था।
पीएम बनने के बाद भी इंदिरा काफी कम बोलती थी लेकिन जो भी फैसला लेना हो उसे काफी कड़े अंदाज में लेती थी। 1969 में उनको बजट पेश करना था, तब इंदिरा इतनी डरी थीं कि उनके मुंह से आवाज ही नहीं निकल रही थी। उन्हें बेहद कम बोलना पसंद था यहाँ तक कि वे उन कार्यक्रमों में भी नहीं जाती जहाँ पर उन्हें बोलना होता था। तब विपक्ष उन्हें गूंगी गुड़िया कहता था।
आज हम आपको उन क्रन्तिकारी फैसलों के बारे में बताने जा रहे हैं जो इंदिरा गांधी ने लिए हैं।
- 19 जुलाई 1969 को इंदिरा ने 14 बड़े बैंको का राष्ट्रीकरण कर दिया।
- इंदिरा ने भूमिहीन और समाज के कमजोर वर्ग के लिए भी काम किया और उनके लिए नीति बनाई।
- इंदिरा ने हरित क्रांति को बढ़ावा दिया। पहले भारत को अमेरिका से खाद्यान्न आयात करना पड़ता था लेकिन भारत फिर दूसरे देशों को निर्यात करने लगा।
- 1971 में इंदिरा ने गरीबी हटाने के प्रयास किए और गरीबी हटाओ का नारा भी दिया।
- जब उन्होंने चुनाव का प्रचार करना शुरू किया तो कुल 36,000 मील की दूरी तय की और 300 सभाओं को संबोधित किया।
- इंदिरा ने 352 लोकसभा सीटें जीतीं और अपनी जीत के साथ एक रुतबा कायम किया।
- मोरारजी देसाई की कांग्रेस ओ को महज 16 सीटों पर संतोष करना पड़ा।
बदल दिया पाकिस्तान का भूगोल
पाकिस्तान ने एक समय पर लोगों की जिंदगी बर्बाद कर के रख दी थी। पाकिस्तान के सैनिक तानाशाह याहया खान ने 25 मार्च 1971 को पूर्वी पाकिस्तान की जनभावनाओं को सैनिक ताकत से कुचलने का आदेश दे दिया था। तब पाकिस्तान से लोग भारत आने लगे। 3 दिसंबर 1971 को इंदिरा कोलकाता में एक जनसभा कर रहीं थी तब पाकिस्तान की सेना ने पठानकोट, श्रीनगर, अमृतसर, जोधपुर और आगरा के सैनिक हवाई अड्डों पर बमबारी कर दी तब इंदिरा ने पाकिस्तानियों का करारा जवाब देने के लिए सोच लिया था।
16 दिसंबर को हमारी सेना ने पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों को बंदी बना लिया। ये सब इंदिरा गांधी की बदौलत हुआ और उन्होंने पाकिस्तान का भूगोल ही बड़ा दिया। पूर्वी पाकिस्तान आजाद हो गया। इंदिरा की पहल पर बांग्लादेश नाम से नया देश बना।