पिछले कुछ वर्षों में भारत और अफगानिस्तान के बीच का रिश्ता काफी मजबूत हुआ है। ऐसा समय था जब इन दोनों देशों के बीच का रिश्ता इतना मजबूत था कि अफगानिस्तान ने वास्तव में उस समय दोनों देशों के 'आपसी दुश्मन' को खत्म करने का सुझाव दिया था। वह आपसी दुश्मन कोई और नहीं बल्कि 'पाकिस्तान ही है।

1970 के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी मोरारजी देसाई की सरकार में विदेश मंत्री थे और उस समय हाफिजुल्ला अमीन अफगानिस्तान के प्रधानमंत्री थे। उस समय अफगानिस्तान की स्थिति बहुत मजबूत थी। सितंबर 1978 में, अटल बिहारी वाजपेयी अफगानिस्तान गए थे। वहां उन्होंने प्रधान मंत्री अमीन सहित अन्य नेताओं से मुलाकात की थी।

पाकिस्तानी महिला पत्रकार ने माँगा था कश्मीर, तो अटल जी ने दिया था ये करारा जवाब

एक सीनियर जर्नलिस्ट के अनुसार तत्कालीन अफगान प्रधानमंत्री ने वाजपेयी के सामने एक ऐसा ऑफर रखा जिसको सुनकर वे भी चौंक गए थे। इस ऑफर में अमीन ने वाजपेयी से कहा था कि भारत और अफगानिस्तान को साथ में मिलकर पाकिस्तान पर हमला कर देना चाहिए और बाद में पाकिस्तान को दोनों देश आधा आधा बाँट लेंगे। वाजपेयी के लिए यह ऑफर निश्चित रूप से अप्रत्याशित था। हालाँकि, बाद में इस तरह का कुछ भी नहीं हुआ।

इस वजह से नेहरू को एक आँख नहीं सुहाते थे उनके दामाद फिरोज गांधी

हालाँकि आज अफगानिस्तान की स्थिति उस समय जितनी मजबूत नहीं है। आज अफगानिस्तान तालिबान और अन्य आतंकवादी संगठनों जैसी समस्याओं का सामना कर रहा है। लेकिन निश्चित रूप से भारत और अफगानिस्तान रिश्ते पहले से भी ज्यादा मजबूत हुए है।

Related News