आज बात करेंगे 'द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर' फिल्म की तो संजय बारू की किताब पर आधारित फिल्म 'द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर' में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल को दिखाया गया है। फिल्म को को देखने के बाद सबसे पहली बात जो जेहन में आती है, वह यही है कि संजय बारू का दर्द सिर्फ यह नहीं है कि मनमोहन सिंह सोनिया गांधी की सुनते है,. पूरी फिल्म में ये बात उभरकर आई है कि ाकाहिर क्यों मनमोहन सिंह अपने मीडिया एडवाइजर संजय बारू की नहीं सुनते थे।

इस बात से सबसे पहले सवाल ये आता है कि आखिर ऐसा क्या था मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी के बीच जो की मनमोहन सिंह सोनियां की बात मानते थे। 'द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर फिल्म की बात करे तो हर जगह पीएम मनमोहन सिंह को संजय बारू सलाह देते नजर आते हैं लेकिन तब भी मनमोहन सिंह को सोनिया गांधी की बात मानते है।

इस बात का सबसे ब्रा खुलासा ये है कि सोनिया गांधी ने ही मनमोहन सिंह पीएम बनाया है, इस बात को पूर्व पीएम भूलना नहीं चाहते हैं, बहुत बार तो ऐसा होता था कि सोनिया बिना सलाह लिए फैसला करती थी इसका सबसे ब्रा उद्धरण है, 2009 में सत्ता में वापस आने के बाद उन्होंने मनमोहन सिंह से पूछे बिना प्रणव मुखर्जी को वित्त मंत्री का पद ऑफ़र कर दिया था जबकि वो सीवी रंगराजन को वित्त मंत्री बनाना चाहते थे।

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