अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 24 फरवरी को भारत दौरे पर आने वाले हैं और वो अहमदाबाद में 'कम छो ट्रंप' कार्यक्रम का हिस्सा होंगे। शक्तिशाली देश के प्रेजिडेंट होने के कारण सीक्रेट सर्विस एजेंट्स सुरक्षा तैयारियां कर रहे हैं।

ट्रंप की यात्रा के लिए सीक्रेट सर्विस के एजेंट सड़क ही नहीं बल्कि पानी और हवा में भी अपनी नजरें गड़ाए हुए हैं। अमेरिकी और भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने मिलकर ट्रंप की सुरक्षा के लिए जबरदस्त इंतजाम किया है।

भारत में अमेरिका के सैकड़ों कमांडोज मौजूद रहेंगे। इन जवानों में यूएस मरीन और यूएस रेंजर्स के जवान तैनात रहेंगे।

रासायनिक, जैविक, परमाणु हमले से निपटने में होते हैं बेहद फुर्तीले

ये एजेंट हर तरह के हमले से निपटने में माहिर होते हैं। भले ही रासायनिक हमला हो, जैविक या परमाणु हमला। काला चश्मा लगाए ये एजेंट हर खतरे पर नजर रखते हैं और उसे पहले ही भांप लेते हैं।अगर मौके पर कोई घटना होती है तो ये सबसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति को सुरक्षित स्थान तक लेकर जाते हैं।

कंट्रोल रूम से रहते हैं कांटेक्ट में
सीक्रेट सर्विस, सीआईए आदि सुरक्षित नेटवर्क से जुड़ कर कंट्रोल रूम से कनेक्ट रहते हैं।

किसी और देश की सीक्रेट सर्विस पर नहीं करते भरोसा
सीक्रेट सर्विस राष्ट्रपति की सुरक्षा को लेकर किसी भी दूसरे देश की सीक्रेट सर्विस पर भरोसा नहीं करते हैं।

एयरफोर्स वन
अमेरिकी राष्ट्रपति जिस प्लेन में सफर करते हैं उसका नाम एयरफोर्स वन है। ये बहुत शक्तिशाली है और इसकी सुरक्षा के लिए दो फाइटर प्लेन भी सामने रहते हैं। इसको कोई रडार आसानी से नहीं ढूंढ सकता और ढूंढ भी ले तो इस पर निशाना लगाना आसान नहीं है। इस पर अगर कोई मिसाइल फायर भी की तब इसमें लगा सिस्टम अलार्म बजाकर मिसाइल की जानकारी देता हैं। इसमें प्रेजिडेंट की जरूरत का सारा सामन भी होता है।

मरीन वन
अमेरिकी राष्ट्रपति एयरफोर्स वन से उतरने के बाद अगर उनकी डेस्टिनेशन की दुरी 10 किलोमीटर से ज्यादा होती है तो मरीन वन हेलीकॉप्टर में सवार होते हैं। इस पूरे दस्ते में सिकोरस्की VH-3D सी किंग और VH-60N व्हाइट हॉक जैसे उम्दा हेलीकॉप्टर शामिल होते हैं। ये भी बेहद शक्तिशाली है जो हर तरह के खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार रहते हैं।


मरीन वन के काफिले में एक जैसे दिखने वाले तीन हेलीकॉप्टर शामिल होते हैं। लेकिन, राष्ट्रपति किसमें बैठे हैं यह केवल चुनिंदा लोगों को ही पता होता है।


द बीस्ट

राष्ट्रपति को सुरक्षित ले जाने के लिए द बीस्ट नाम की कार का इस्तेमाल होता है पर इसका वजन लगभग आठ टन है। इसकी बॉडी स्टील, एल्यूमिनियम, टाइटेनियम और सेरामिक से बनी है। अगर कोई बम भी फेंके तो भी इस कार को नुकसान नहीं होगा।

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