सांसद निशिकांत दुबे का पैर धोकर पानी पीने वाले पवन साह की तस्वीरें इन दिनों सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल रही हैं। जी हां, दोस्तों आपको बता दें कि पवन साह के पास स्मार्टफोन भी नहीं है और ना ही वह फ़ेसबुक पर है। लेकिन इस सख्श की तस्वीरें खूब वायरल हो रही हैं। इन हालिया तस्वीरों के चलते पवन साह इन दिनों मीडिया की सुर्खियों में बने हुए हैं। पवन साह के मुताबिक, यह भगवान और भक्त का मसला है। इसका उन्हें कोई मलाल नहीं है, उनके लिए वह पानी नहीं बल्कि चरणामृत के समान है।

अपने इस काम को पवन साह कोई चाटुकारिता नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति की देन मानते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में घर आए लोगों के पांव पखारना और बड़े लोगों को आदर करने की परंपरा है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां ऐसे कई उदाहरण हैं, जैसे केवट ने भगवान श्रीराम के लिए भी यही किया था।

पवन साह ने बीबीसी से बातचीत के दौरान कहा कि वह जो लाइट आप देख रहे हैं, वह मेरा गांव गोड्डा है। कितना नजदीक है, लेकिन रास्ते के बीच में पड़ने वाली कझिया नदी के कारण हम लोगों को 6-7 किलोमीटर घूमकर अपने गांव जाना पड़ता था। इसमें समय की बर्बादी होती थी। हमने अपने सांसद से पंचायत भवन के सामने से गोड्डा के गुलज़ारबाग तक पुल बनवाने की मांग की थी। तभी मैंने प्रण लिया था कि यह मांग पूरी होने पर मैं उनके पैर धोकर सार्वजनिक तौर पर पिऊंगा। उन्होंने हमारी मांग पूरी कर दी। सांसद डॉक्टर निशिकांत दुबे इस पुल का शिलान्यास करने के लिए हमारे गांव आए हुए थे। यह उचित अवसर था, इसलिए मैंने उन्हें अपना भगवान मानकर उनका चरणामृत पी लिया। ऐसा करने पर मुझे बहुत गर्व है।

जानिए पूरा मामला...

झारखंड के गोड्डा ज़िले के एक बड़े गांव कन्हवारा में रविवार के दिन स्थानीय भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कझिया नदी पर प्रस्तावित पुल का शिलान्यास किया था। इस अवसर पर सैकड़ों लोगों के सामने भाजपा से जुड़े पवन साह ने पीतल की थाली में सांसद निशिकांत दुबे के पैर धोए और उस पानी को पी लिया। इसके बाद देखते ही देखते यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। इस बारे में सांसद निशिकांत दुबे का कहना है कि उन्होंने पवन को अपना पैर धोने से मना किया था, लेकिन उसकी जिद के आगे मैं झुक गया। मेरे मना करने पर उसने कहा कि अगर मैं उसे रोकूंगा तो वह आत्महत्या कर लेगा।

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