अमेरिकी वैज्ञानिकों के मुताबिक, पाकिस्तान के पास कम से कम 140 से 150 परमाणु हथियारों का जखीरा है। रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी निर्देशों का उल्लंघन करते हुए पाकिस्तान ने अपने लड़ाकू विमानों एफ-16 को बदलकर परमाणु हथियार इस्तेमाल करने लायक बना लिया है। माना जाता है कि पाकिस्तान ने फ्रांस-निर्मित मिराज विमान को भी क्रूज मिसाइलें दागने हेतु सक्षम बना लिया है।

अमेरिकी रिपोर्ट में यह संकेत मिलता है कि पाकिस्तानी वायुसेना ने परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम लड़ाकू विमानों की एक टुकड़ी को कराची के पश्चिम में मसरूर एयरबेस पर रखा है। जहां कड़ी सुरक्षा के बीच अंडरग्राउंड सुविधा मौजूद है।

पाकिस्तान्'स इवॉल्विंग न्यूक्लियर वैपन्स इन्फ्रास्ट्रक्चर शीर्षक से प्रकाशित रिपोर्ट में उपलब्ध सैटेलाइट तस्वीरों का अध्ययन कर ऐसे 10 पाकिस्तानी ठिकानों की पहचान की गई है। शीर्ष विज्ञानी हैन्स एम. क्रिस्टेनसन का कहना है कि पाकिस्तान के उभरते परमाणु दर्जे में कम से कम पांच बेस अति महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इनमें गुजरांवाला (पंजाब), अकरो (सिंध), पानो अकील (सिंध), खुज़दार (बलूचिस्तान) तथा सरगोधा स्थित सेना के गैरिसन शामिल है। छठा निर्माणधीन बहावलपुर तथा डेरा गाज़ी खान में सातवां बेस भी हो सकता है।

पाकिस्तान अधिकाशंत: 100 किमी की दूरी तक मार करने वाली परमाणु मिसाइलों का निर्माण कर रहा है, ताकि सीमा के नजदीक भारत के अधिकांश इलाकों को निशाना बनाया जा सके। रिपोर्ट के नतीजों के आधार पर पाकिस्तान अ​निश्चितकाल तक परमाणु हथियारों का ज़खीरा नहीं बढ़ाना चाहता है, लेकिन जल्द वह उस स्तर तक पहुंच जाएगा जिससे दूसरे देश उससे डरने लगें।

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