उद्धव ठाकरे का मंत्रिपरिषद का विस्तार हो चूका है और महाराष्ट्र विधानसभा के तीनों घटक दल शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के अंदर मंत्री नहीं बनाए जाने से नेता काफी नाराज है। इतना ही नहीं शिवसेना की खुद की पार्टी के 12 विधायकों के पार्टी छोड़ने की खबरें भी सुनने में आ रही है।

हालाकिं इस पर सफाई देते हुए उद्धव ने कहा है कि नेताओं की लिस्ट लंबी होने की वजह से किसी को मंत्री नहीं बनाया गया है। लेकिन इस से जो नेता नाराज है वो इस पर काफी सवाल उठा रहे हैं और उद्धव ठाकरे ने नाराज नेताओं की बैठक भी बुलाई है। इस पूरे खेल को देखते हुए कहा जा सकता है कि ये नाराज लोग अगर बीजेपी में शामिल हो जाते हैं तो बीजेपी फिर से महाराष्ट्र में सरकार बना सकती है।

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चुनावों से पहले एनसीपी छोड़कर शिवसेना में आए भास्कर जाधव ने उद्धव ठाकरे पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अपना वादा पूरा नहीं किया है। इससे पहले फडणवीस सरकार में मंत्री रहे तानाजी सावंत भी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने से नाराज हैं। कांग्रेस के साथ साथ बहुत से एनसीपी नेता इस बात से नाराज हैं। मंत्रिमंडल का विस्तार होने के बाद भी अभी तक विभागों का बंटवारा नहीं हो सका है।

सरकार बनाते समय भी महाराष्ट्र में काफी महा ड्रामा हुआ था। तब बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस ने सीएम पद पर शपथ ले ली थी लेकिन बहुमत साबित ना कर सकने के कारण उन्हें 2 दिन बाद ही अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। तब शिवसेना ने कांग्रेस, एनसीपी के साथ मिल कर सरकार का गठन किया था।

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