इंटरनेट डेस्क। दोस्तों आपको बता दे की भेदभाव से बचाने के लिए दलितों/आदिवासियों को आरक्षण दिया गया था, लेकिन एक विशेष सामाजिक वर्ग इस आरक्षण से हमेशा असहज रहा है।आधुनिक काल में आरक्षण विरोधी मुखर हुए हैं।

देश का वंचित और पिछड़ा समुदाय दूसरे वर्गों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल सकेगा लेकिन संविधान लागू होने के 66 वर्ष बाद हालत ये हो गई है कि हमारे देश में हर किसी को आरक्षण चाहिए।

दोस्तों आपको बता दे की सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात ये है कि आरक्षण की मांग करने वाले ये आंदोलन हिंसक होने से भी नहीं हिचक रहे हैं।

यानी आरक्षण की मांग को लेकर गाड़ियां फूंक दी जाती हैं, ट्रेनें रोक दी जाती हैं, ट्रेनों में आग लगा दी जाती है, सड़कें जाम कर दी जाती हैं और एक तरह से पूरे सिस्टम को ठप कर दिया जाता है। लेकिन दोस्तों ये करना गलत है ऐसे देश को ही नुकसान होते है।

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