राजस्थान के भरतपुर जिले के भुसावर कस्बे में 15 जनवरी 1932 को जगन्नाथ पहाड़िया का जन्म एक सामान्य दलित परिवार में हुआ। एमए और एलएलबी की डिग्री हासिल करने वाले इस मजदूर के बेटे को साल 1957 में देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से मिलवाया गया। परिचय करवाते वक्त पंडित नेहरू ने 25 वर्षीय युवक जगन्नाथ पहाड़िया से पूछा-कैसा चल रहा है देश?

युवक पहाड़िया ने कहा कि बाकी सभी चीजें अच्छी चल रही हैं, लेकिन देश में दलितों को रिप्रजेंटेशन ठीक से नहीं मिल रहा। इसके बाद जगन्नाथ पहाड़िया इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए अमर हो गए। जी हां, पहाड़िया 1957 में केवल 25 वर्ष तीन महीने की आयु में पहली बार सांसद चुने गए और द्वितीय लोकसभा में सबसे कम आयु के सांसद बने।

इतना ही नहीं 6 जून 1980 को वह राजस्थान के मुख्यमंत्री बने। इसके बाद 13 जुलाई 1981 को उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। जगन्नाथ पहाड़िया को इस राज्य के पहले दलित मुख्यमंत्री होने का गौरव प्राप्त है।

गौरतलब है कि जगन्नाथ पहाड़िया 1965 में राज्यसभा के लिए चुने गए। इसके बाद 1967 में सांसद बने तथा इंदिरा गांधी की सरकार में वित्त मंत्रालय में उपमंत्री बनाए गए। 1973 में पहाड़िया को एक बार फिर से संचार उपमंत्री बनाया गया। वर्ष 1989 में बिहार तथा 2009 में हरियाणा के राज्यपाल भी बनाए गए।

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