हैवी वेट बॉक्सिंग चैंपियन रहे युगांडा के ईदी अमीन को विश्व इतिहास के सबसे क्रूर तानाशाहों में से एक माना जाता है। आपको बता दें कि 135 किलो वज़न वाले ईदी अमीन की लंबाई छह फ़ीट चार इंच की थी। 1971 में अमीन ने मिल्टन ओबोटे को हटाकर सत्ता हासिल की थी।

ईदी अमीन के समय स्वास्थ्य मंत्री हेनरी केयेंबा द्वारा लिखी किताब अ स्टेट ऑफ़ ब्लड: द इनसाइड स्टोरी ऑफ़ ईदी अमीन में उसकी क्रूरता से जुड़ी कई ऐसे किस्सों का वर्णन किया गया है। हेनरी केयेंबा की इस किताब के मुताबिक, एक नहीं कई बार युगांडा के राष्ट्रपति ईदी अमीन ने यह शेखी बघारी थी कि उसने इंसानों का मांस खाया है।

इतना ही नहीं अगस्त 1975 में ज़ाएर यात्रा के दौरान अपने साथियों को बताया कि बंदर का गोश्त इंसानों के मांस से अच्छा नहीं होता है। इस तरह से एक खास अवसर पर अमीन ने अपने एक डॉक्टर को बताया था कि इंसान का मांस तेंदुए के मांस से कुछ ज्यादा नमकीन होता है।

किताब अ स्टेट ऑफ़ ब्लड: द इनसाइड स्टोरी ऑफ़ ईदी अमीन में केयेंबा लिखते हैं कि क्रूर तानाशाह अमीन अपने दुश्मनों को मारकर उनके शवों के साथ बर्बरतापूर्वक व्यवहार भी करता था। युगांडा के मुर्दाघर में रखे कई शवों के गुर्दे, होंठ, नाक, गुर्दे और लिवर गायब मिले थे।

इस बारे में केयेंबा ने बाद में एक बयान दिया था जिसके अनुसार, मार्च 1974 में कार्यवाहक सेनाध्यक्ष ब्रिगेडियर चार्ल्स अरूबे की हत्या हुई थी। इसके बाद अमीन मुलागो अस्पताल के मुर्दाघर में चार्ल्स अरूबे के शव को देखने के लिए आए थे। क्रूर तानाशाह ने अमीन मुर्दाघर के उप चिकित्साधिकारी से कहा था कि उन्हें शव के साथ अकेला छोड़ दें। खैर यह किसी ने नहीं देखा कि उन्होंने मुर्दाघर में रखे शवों के साथ क्या-क्या किया। वहीं युगांडावासियों का ऐसा मानना है कि चूंकि तानाशाह अमीन काकवा जनजाति से थे, ऐसे में उन्होंने अपने दुश्मन का खून पिया।

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