सेना में सेकेंड लेफ्टिनेंट से सीडीएस जनरल बनने तक ऐसा रहा है Bipin Rawat का सफर
तमिलनाडु के कुन्नूर में सेना का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। जानकारी के अनुसार सेना का हेलीकॉप्टर MI-17V5 दुर्घटनाग्रस्त हुआ, जिसमें सीडीएस जनरल बिपिन रावत भी सवार थे। बताया गया है कि उन्हें अस्पताल ले जाया गया। बिपिन के साथ उनकी पत्नी भी इस विमान में सवार थी। अब तक 14 में से 11 शवों के मिलने की बात सामने आ चुकी है।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) हैं। वे चीफ ऑफ़ स्टाफ के तौर पर तीनों सेनाओं के बारे में रक्षा मंत्री के मुख्य सैन्य सलाहकार भी है। उन्होंने पहले 17 दिसंबर 2016 को जनरल दलबीर सिंह सुहाग के बाद 27वें सेनाअध्यक्ष के रूप में भी काम किया।
बिपिन रावत उत्तराखंड के पौड़ी में जन्मे है। उनका जन्म 16 मार्च 1958 को हुआ। उनका परिवार भी आर्मी बैकग्राउंड से आता है। उनके पिता लक्ष्मण सिंह लेफ्टिनेंट जनरल के पद से रिटायर्ड थे। बिपिन रावत रठ यूनिवर्सिटी से मिलिट्री-मीडिया स्ट्रैटेजिक स्टडीज में पीएचडी भी कर चुके हैं। इतना ही नहीं वे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, वेलिंगटन स्थित रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज और उच्च कमान राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज के एक्स स्टुडेंट भी रह चुके हैं।
बिपिन रावत ने अमेरिका के फोर्ट लीवएनवर्थ से कमान और जनरल स्टाफ सब्जेक्ट की पढ़ाई की है। सेना में अपने अपने लंबे करियर के दौरान वे सेना पूर्वी सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर थल सेना की एक बटालियन का नेतृत्व भी कर चुके हैं। वे कश्मीर और पूर्वोत्तर में सेना टुकड़ियों की भी कमान संभाल चुके हैं।
रावत दिसंबर 1978 में सेना में शामिल हुए थे। उन्होंने सेकेंड लेफ्टिनेंट के साथ आर्मी में अपनी शुरुआत की थी और अभी सीडीएस जनरल के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। वे अब तक ब्रिगेड कमांडर, जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-सी), जनरल स्टाफ ऑफिसर ग्रेड 2 के रुप में भी काम कर चुके हैं और संयुक्त राष्ट्र शांति सेना का भी हिस्सा रहे हैं।
उन्होंने कांगो गणराज्य में विभिन्न देशों की सेनाओं की एक ब्रिगेड की भी कमान संभाली है। कई सैन्य अभियानों के संचालन का भी उन्हें अनुभव है। वे सेना उप प्रमुख के पद पर भी काम कर चुके हैं। 42 सालों से ज्यादा समय के कामकाज के अनुभव के आधार पर उन्हें अपनी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए वीरता और अतिविशिष्ट सेवा पदकों से सम्मानित किया जा चूका है।