इंटरनेट डेस्क। हमारे देश में देशभक्ति राष्ट्रीय पर्वों पर एक-दूसरे की बधाई देने और सोशल मीडिया के माध्यम से संदेश भेजने तक ही सीमित रह गई है। हम भारतीय सेना, नेवी और एयर फाॅर्स के सैनिकों पर बनी फिल्में देखकर और किताबें पढ़कर उनसे प्रेरित होते है। भारतीय सैनिकों की बहादुरी का एक और हिस्सा है जिसे दुनिया से छिपाकर रखा जाता है जिन्हें अंडरकवर सीक्रेट एजेंट्स के नाम से जाना जाता है। आज हम आपको कुछ ऐसे ही टॉप अंडरकवर सीक्रेट एजेंट्स के बारे में बताने जा रहे है -

रविंद्र कौशिक - 'ब्लैक टाइगर' के नाम से प्रसिद्ध रविंद्र कौशिक एक अंडरवर्कर रॉ एजेंट थे। सिर्फ 23 वर्ष की उम्र में उन्होंने रॉ के साथ काम करना शुरू किया और बाद में पाकिस्तान सेना में भी प्रमुख जनरल बन गए। उन्हें एक अलग नाम (नबी अहमद शकीर) के साथ पाकिस्तान भेजने के पहले उर्दू भाषा में प्रशिक्षित किया गया था और मुस्लिम धार्मिक ग्रंथों से परिचित करवाया गया था। उन्होंने 1979 और 1983 के बीच भारतीय सेना को बहुत सारी जानकारी भेजी। उन्हें उनकी इस बहादुरी के लिए तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा 'ब्लैक टाइगर' का नाम दिया गया था।

नेहचल संधू - वह खुफिया ब्यूरो के पूर्व प्रमुख थे। उन्होंने सिख अलगाववादी आंदोलन को संभालने में अजीत डोवाल के साथ सक्रिय रूप से काम किया। उन्हें श्रीनगर में अतिरिक्त निदेशक, आईबी के रूप में तैनात किया गया था, जहां वह लश्कर-ए-तैयबा के 65 कमांडरों को विफल करने में शामिल थे।

सैयद आसिफ इब्राहिम - सैयद असिफ इब्राहिम इंटेलिजेंस ब्यूरो के प्रमुख बनने वाले पहले मुस्लिम थे। उन्होंने ही 2013 में भारत-नेपाल सीमा के पास यासीन भटकल को पकड़ने की योजना बनाई थी। रिटायरमेंट के बाद उन्हें प्रधान मंत्री मोदी द्वारा काउंटर आतंकवाद और अतिवाद पर प्रधान मंत्री के

एके वर्मा - 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद दोनों देशों के बीच विवादों को दूर करने के लिए एके वर्मा को चीन भेजा गया था। वे एक सक्रिय आईएसआई प्रमुख के साथ आमने-सामने बैठक करने वाले पहले भारतीय रॉ प्रमुख भी थे।

आरएन राव - रामेश्वर नाथ राव पहले भारतीय जासूस था जिसने भारत की जासूसी एजेंसी रॉ की स्थापना की और वह प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को की जाने वाली खुफिया ब्यूरो की रिपोर्टिंग का हिस्सा थे। रिटायरमेंट के बाद वे राजीव गांधी के मुख्य सलाहकारों में से एक थे।

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