बता दें कि हर देश अपनी सीमाओं की रक्षा करने के लिए, आमने-सामने की लड़ाई में, या फिर गुरिल्ला मुठभेड़ में सैनिकों के चहेते हथियार रॉकेट का जरूर इस्तेमाल करता है। बता दें कि बारूद के बाद बदलते वक्त के साथ रॉकेट वि​ज्ञान भी विध्वंसक बनता गया। युद्ध में रॉकेट के इस्तेमाल की ताकत के मामले में भारत भी दुनिया के किसी भी देश से पीछे नहीं है।

जी हां, हम आप से स्वदेश में विकसित मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर (एमबीआरएल) हथियार प्रणाली पिनाका की ही बात कर रहे हैं। बता दें कि भारत के विभिन्न सशस्त्र बलों में इसे बहुत पहले ही शामिल किया जा चुका है। साल 1995 से ही पिनाका का कई बार कठोर परीक्षण किया जा चुका है। आइए जानें, भारत के ताकतवर हथियार पिनाका की ​खासियत।

- पिनाका एक ऐसी हथियार प्रणाली है, जिसका लक्ष्य मौजूदा तोपों के लिए 30 किलोमीटर के दायरे के बाहर पूरक व्यवस्था करना है।

- कम तीव्रता वाली युद्ध जैसी स्थिति के दौरान त्वरित प्रतिक्रिया और तेजी से दागने की क्षमता सेना को बढ़त दिलाती है। ऐसे में पिनाका 60 किलोमीटर की दूरी और साढ़े तीन वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में एक साथ दुश्मन के कई ठिकानों को नष्ट कर सकती है।

-मिसाइल सिस्टम पिनाका 44 सेकंड में 12 रॉकेट दागकर दुश्मन सेना को भारी मुश्किल में डालने में सक्षम है।

-पिनाका की मिसाइलें दागने की रफ्तार काफी ज्यादा है और इसमें एंटी राडार सिस्टम लगा है।

- खास तौर से दुश्मन के बंकरों को निशाना बनाने में पिनाका को महारथ हासिल है।

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