ये बात हम सभी जानते हैं कि 1 अप्रैल को नया फाइनेंशियल ईयर है। इस दौरान कई ऐसे नियम हैं जो बदल रहे हैं और इनका असर आप पर पड़ सकता है। आइए जानते हैं कौन कौन से ऐसे नियम है।

(1) नया इनकम टैक्स
बजट घोषणाओं के अनुसार, एक करदाता का चार्टर आयकर अधिनियम में डाला जाना है। चार्टर का उद्देश्य नागरिक को समयबद्ध सेवाएं प्रदान करना है।
नई कर व्यवस्था वैकल्पिक है यानी करदाता चाहे तो वह पुराने टैक्स स्लैब के हिसाब से भी आयकर दे सकते हैं। नए इनकम टैक्स रूल्स के अनुसार जिनकी आय 5 लाख सालाना हैं उन्हें कोई टैक्स पे नहीं करना है। वहीं 5 से 7.5 लाख रुपये वार्षिक इनकम वालों के लिए टैक्स की दर 10%, 7.5 से 10 लाख रुपये की इनकम पर 15%, 10 लाख रुपये से 12.5 लाख रुपये पर 20%, 12.5 लाख रुपये से 15 लाख रुपये की आय पर 25% और 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30% इनकम टैक्स देना जरूरी है।
(2) रिटायरमेंट के 15 साल बाद पूरी पेंशन का प्रावधान
1 अप्रैल से EPS पेंशनर्स को ज्यादा पेंशन मिलेगी। रिटायरमेंट के 15 साल बाद व्यक्ति को पूरी पेंशन मिलेगी। इसके अलावा ईपीएफ स्‍कीम के तहत पीएफ अकाउंट होल्डर्स के लिए पेंशन के कम्यूटेशन यानी एकमुश्त आंशिक निकासी का प्रावधान भी अमल में आ गया है। उन लोगों को इसका सीधा फायदा मिलेगा जो 26 सितंबर, 2008 से पहले रिटायर हुए हैं।

(3) मोबाइल फोन अब होंगे महंगे
मोबाइल फोन पर अब जीएसटी रेट्स बढ़ गई है। 12% से बढ़ा कर 18% कर दी गई है। इस से फोन महंगे होंगे।

(4) इन बैंकों का मर्जर
अब कई बैंक्स का आपस में मर्ज होने वाला है। ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में मिल जाएंगे। आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में, सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक में, और इलाहबाद बैंक का इंडियन बैंक में मर्ज होगा और इस से जिनका अकाउंट्स इन बैंक्स में है उनका अकॉउंट नंबर और आईएफसी कोड बदल जाएगा।

(5) BOI ने ब्याज दरों में की बड़ी कटौती
BOI ने रविवार को एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट्स में 75 बेसिस प्वाइंट्स यानी 0.75 फीसदी की कटौती की है। इसका फायदा लोगों को मिलेगा। 27 मार्च को रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 75 बेसिस प्वाइंट की कटौती किया था।

(6) नेचुरल गैस की कीमतों पर असर
हालाकिं अभी तक सरकार की तरफ से इस बारे में जानकारी नहीं है लेकिन 1 अप्रैल को घरेलू गैस कीमतें में 25 से 30 फीसदी की कटौती हो सकती है। अप्रैल और अक्टूबर में समीक्षा के बाद दाम तय किए जाते है।

(7) डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स में बदलाव
1 अप्रैल के बाद से भारतीय कंपनियों के दिए गए डिविडेंड पर DDT नहीं लगेगा।

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