आजादी के बाद भारतीय रेलवे ने की अपने नाम ये बड़ी उपलब्धि
दोस्तों आपको बता दे की 15 अगस्त 1947 को जैसे ही घड़ी की सुई मे रात के 12 बजे, हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने देश के स्वतंत्र होने की घोषणा की थी। आज भारत को आजाद हुए पूरे 72 साल हो चुके हैं। और पूरा देश 72वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। आजादी के बाद इन 7 दशकों में भारत में बहुत बदलाव आया है। भारतीय रेलवे का नेटवर्क दुनिया में अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथा सबसे बड़ा नेटवर्क है। हां, यह बात जरूर है कि तकनीक के मामले में ये तीनों देश भारत से कुछ या बहुत आगे हैं, किंतु भारतीय रेलवे भी इनसे एकदम उन्नीस भी नहीं है, बीस ही है।
दोस्तों आपको बात दे की भारत को पुराना रेल– नेटवर्क विरासत में मिला। स्वतंत्रता के समय 32 लाइनों समेत कुल 42 अलग– अलग रेलवे प्रणालियां थीं जिसके मालिक भूतपूर्व भारतीय रियासतों के प्रमुख थे। ये लाइनें करीब 33,000 किमी की थीं। वर्ष 1951 में इनका राष्ट्रीयकरण किया गया और अब भारतीय रेलवे दनिया के सबसे बड़े नेटवर्क में से एक है।
दोस्तों आपको बात दे की इसमें 68,312 किमी मार्ग पर 115,000 किमी का ट्रैक और 7,112 स्टेशन हैं। दिलचस्प बात यह है कि भारतीय रेलवे रोजाना 23 मिलियन यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाने – लेजाने का काम करती है। मुंबई का छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और भारत के पहाड़ी रेलों को यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल की सूची में स्थान दिया है।