उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बारे में वो बातें, जिन्हे आप भी नहीं जानते होंगे!
2017 के बाद 2022 में लगातार दूसरी बार जीत दर्ज कर योगी जी ने योगी 2.0 युग की शुरुआत कर दी। यूपी के सीएम (UP CM) के तौर पर दूसरी बार शपथ ग्रहण करने के साथ ही योगी आदित्यनाथ ने एक रिकॉर्ड कायम किया है। आज हम आपको उनसे जुड़े कुछ ऐसे फैक्ट्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके बारे में आपको जानकारी नहीं होगी।
1. चमकदार कपड़े और काले चश्मे के शौक़ीन
कॉलेज के दिनों में योगी आदित्यनाथ .चमकदार कपड़े और काले चश्मे के शौकिया थे। 'यदा यदा ही योगी' नाम से योगी आदित्यनाथ की जीवनी लिखने वाले विजय त्रिवेदी के अनुसार अजय बिष्ट (योगी आदित्यनाथ) को कॉलेज के दिनों में फैशनेबल और चमकदार कपड़े पहनने का शौक था। उन्हें अपनी आंखों पर काला चश्मा लगाना भी बहुत पसंद था। हालांकि बाद में उनका रुख अध्यात्म की ओर हो गया और 1994 में दीक्षा लेने के बाद वे योगी आदित्यनाथ बन गए।
2. एबीवीपी ने नहीं दिया टिकट
1972 में गढ़वाल, फिर उत्तर प्रदेश (अब उत्तराखंड) में जन्मे अजय मोहन बिष्ट को शुरू से ही राजनीति से प्यार था। उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों में एक छात्र नेता के रूप में चुनाव भी लड़ा। विजय त्रिवेदी के मुताबिक, वह कॉलेज में छात्र संघ का चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन तब एबीवीपी यानी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने उन्हें टिकट नहीं दिया. वह एक निर्दलीय के रूप में लड़े और हार गए।उन्होंने गढ़वाल के श्रीनगर स्थित हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय से बीएससी किया है।
3. पिता के रूप में महंत अवैद्यनाथ का नाम
आदित्यनाथ योगी ने दीक्षा लेने के बाद आधिकारिक दस्तावेजों में पिता के नाम के कॉलम में आनंद बिष्ट के स्थान पर महंत अवैद्यनाथ का नाम लिखना शुरू कर दिया। काशी के वरिष्ठ पंडित दयानंद पांडेय बताते हैं कि दीक्षा के बाद पुराना नाम बदल जाता है और एक नया आध्यात्मिक नाम दिया जाता है। इतना ही नहीं, महान योगी अपनी पिछली दुनिया से भी नाता तोड़ लेते हैं। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में जब आनंद बिष्ट की बीमारी के चलते मौत हुई थी तो सीएम योगी अनुष्ठान में शामिल नहीं हुए थे. उन्होंने एक बयान जारी कर कहा था, "कोरोना महामारी को हराने की रणनीति के तहत और लॉकडाउन की सफलता के लिए मैं उनकी रस्मों में शामिल नहीं हो पाऊंगा."