बता दें भारतीय रक्षा मंत्रालय ने इजरायल के साथ स्पाइक एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल डील रद्द कर दिया है, क्योंकि मंत्रालय यह चाहता है कि भारत में ही इस घातक हथियार का निर्माण किया जाए। इसकी जिम्मेदारी डीआरडीओ को सौंप दी गई है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानि डीआरडीओ पहले भी इंडियन आर्मी के लिए कई ताकतवर हथियार बना चुका है।

1- युद्धक टैंक अर्जुन

भारतीय सेना के मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन को डीआरडीओ ने विकसित किया है। इस टैंक की अधिकतम गति 67 किमी प्रति घंटे है। अर्जुन टैंक में 120 मिमी में एक मेन राइफल्ड गन है। कमांडर, गनर, लोडर और चालक सहित कुल 4 सदस्य इस टैंक को चलाते हैं। महाभारत के पात्र अर्जुन के नाम पर इस टैंक का नाम रखा गया है।

2- सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस

दुनिया की सबसे तेज गति वाली क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस 10 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भर सकती है। बता दें कि यह मिसाइल अमेरिका की ताकतवर मिसाइल टॉम हॉक से दोगुने गति से हमला करती है। ब्रह्मोस को जमीन से, हवा से, पनडुब्बी से, युद्धपोत से लॉन्च किया जा सकता है। यह क्रूज मिसाइल रडार को धोखा देने में पूरी तरह से सक्षम है। यह ताकतवर मिसाइल अपने लक्ष्य को बहुत आसानी से नष्ट कर देती है।

3- क्रूज मिसाइल निर्भय

परंपरागत और परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम क्रूज मिसाइल निर्भय हर मौसम में बड़ी आसानी से काम करती है। यह मिसाइल दुश्मन के रडार को धोखा देकर 500 मीटर से लेकर 4 किमी ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम है। यह मिसाइल एक साथ कई लक्ष्यों को निशाना बनाने में सक्षम है। क्रूज मिसाइल निर्भय की मारक क्षमता 1000 किलोमीटर से अधिक है।

4- अग्‍न‍ि 5 मिसाइल

डीआरडीओ निर्मित हथियारों में इसे सबसे ताकतवर हथियार माना जाता है। अग्‍न‍ि-5 का वजन 50 टन है। 17 मीटर लंबी यह मिसाइल करीब 5 हजार किमी की दूरी पर मौजूद अपने लक्ष्य को नष्ट करने में सक्षम है।

5- सबमरीन आईएनएस अरिहंत

परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत को भी डीआरडीओ ने ही विकसित किया है। पोत निर्माण केंद्र विशाखापत्तनम में इस पनडुब्बी को 2.9 अरब अमेरिका डॉलर की लागत से तैयार किया गया है। भारत दुनिया का ऐसा छठा देश बन गया है कि जिसके पास इस तरह की परमाणु पनडुब्बी है।

6- लड़ाकू विमान तेजस

स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस आधुनिकता के लिहाज से यह चौथी व पांचवीं पीढ़ी का विमान है। यह​ लड़ाकू विमान युद्ध के दौरान दिन-रात कभी भी उड़ान भरने में सक्षम है।

7- प्रिडेटर ड्रोन रुस्तम-2

मध्य ऊंचाई पर लंबी उड़ान भरने वाला मानवरहित विमान रुस्तम-2 का निर्माण भी डीआरडीओ ने ही किया है। यह ड्रोन 24 घंटे तक उड़ान भर सकता है। अमेरिका के प्रिडेटर ड्रोन की तरह इस रूस्तम-2 को भी युद्ध के दौरान टोही मिशन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। प्रिडेटर ड्रोन रुस्तम-2 का कुल वजन 2 टन है।

8- बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम

पाकिस्तान की बैलिस्टिक मिसाइल खतरे को देखते हुए डीआरडीओ ने इस सिस्टम को तैयार किया है। यह मिसाइल सिस्टम 5,000 किलोमीटर दूरी तक मार करने में सक्षम है। भारत एंटी बैलिस्टिक मिसाइल टेस्ट करने वाला अमेरिका, रूस तथा इजरायल के बाद दुनिया का चौथा देश बन चुका है।

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