इंटरनेट डेस्क।
लोकसभा में मानसून सत्र के दौरान राहुल गांधी और पीएम मोदी के बयान इन दिनों सुर्खियों में छाए हुए हैं। हांलाकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने संभाषण के दौरान पीएम मोदी को सीधे अपने निशाने पर लिया और एक के बाद एक कई सियासी आरोप लगाए। लेकिन जब उन्होंने कि आप मुझे पप्पू कहकर बुला सकते हैं, लेकिन आपके लिए मेरे दिल में कोई नफरत नहीं है। ऐसा कहने के बाद राहुल गांधी अपनी सीट छोड़कर सीधे पीएम मोदी के पास गए और उनसे गले मिले। राहुल गांधी की पप्पू वाली बात के बाद पीएम मोदी भी सदन में हंसते हुए नजर आए।

इसके बाद यह चर्चा सार्वजनिक तरीके से शुरू हो चुकी है कि राहुल गांधी को ऐसी कौन सी जरूरत महसूस हुई जो उन्होंने खुद के लिए पप्पू का संबोधन स्वीकार किया। जी हां, खुद के लिए पप्पू कहने के बाद जहां एनडीए नेता राहुल गांधी का मजाक उड़ा रहे हैं, वहीं विपक्ष के कई नेता कांग्रेस अध्यक्ष का बचाव करते दिख रहे हैं।

सामान्यतया हिंदूस्तान में पप्पू शब्द मूर्खता का सूचक माना जाता है, शायद इसीलिए लोग लोग गैरों का मजाक उड़ाने के लिए उसे पप्पू कहते हैं। अब पप्पू के बहाने के बहाने एनडीए के नेता राहुल गांधी की चुटकी लेने से बाज नहीं आ रहे हैं।

जेडीयू सांसद कौशलेंद्र कुमार के अनुसार, राहुल गांधी ने खुद को पप्पू इसलिए कहा कि वह अभी अपने आपको बच्चा समझ रहे हैं। वहीं कैबिनेट मिनिस्टर रामकृपाल यादव का कहना है कि राहुल गांधी ने सदन में जो अपरिपक्वता दिखाई है, इससे उन्होंने साबित कर दिया है कि वह सचमुच पप्पू हैं।

जबकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रेमचंद मिश्रा इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहते हैं कि राहुल गांधी के कहने का ताप्तर्य यह था कि आप लोग जितना चाहे मेरा उपहास उड़ा सकते हैं, लेकिन उनके मन में नफरत की राजनीति बिल्कुल नहीं है।

आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर पप्पू शब्द इन दिनों जमकर ट्रेंड कर रहा है। कई टवीटर्स ने राहुल गांधी के लिए लिखा है कि अगर आपके बोलने से संसद में भूकंप आ सकता है, तो सचमुच आप पप्पू हो।

गौरतलब है कि हर चुनाव में विपक्षी नेता प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तरीके से राहुल गांधी को सियासी लड़ाई में कमजोर साबित करने के लिए उनकी राजनीतिक समझ को कमजोर करके दिखाने की कोशिश करता है, इस दौरान कई नेता खुले मंच पप्पू शब्द की संज्ञा का इस्तेमाल करते हैं।

गुजरात चुनाव 2017 के दौरान चुनाव आयोग की सख्ती के बाद बीजेपी कैंपेन ने पप्पू शब्द वापस ले लिया था और इस शब्द की जगह राहुल गांधी के लिए नया नाम युवराज शब्द दिया, जिसे चुनाव आयोग ने स्वीकार कर लिया।

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