आलू की कीमत लायी किसानों के चेहरों पर खुशियां, पहली बार इस भाव में बिका
शिमला: इन दिनों किसानों के लिए आलू की पैदावार हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा शहर के छोटा भंगाल और उससे सटे चौधर घाटी में उपहार से कम नहीं साबित हुई है। पहली बार किसानों को 40 रुपये प्रति किलो आलू का रिकॉर्ड थोक मूल्य मिल रहा है। इस बार कम फसल होने के बाद भी यहां के किसान समृद्ध हो रहे हैं। यह आलू छोटा भंगल और निकटवर्ती चौहार घाटी में बरोट के आलू के रूप में प्रसिद्ध है।
अगस्त में किसानों की आलू की फसल निकलने लगी। शुरुआत में बड़ौत का आलू 20 से 25 रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रहा था। जो अब दो दिनों के लिए थोक में 40 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचा जा रहा है। यहां आलू का सीजन नवंबर तक रहता है। पिछले साल प्रति थोक मूल्य केवल 5 से 10 रुपये था। बरोट के आलू का कारोबार हर साल लगभग 5 से 6 करोड़ का होता है।
हालांकि, पिछले साल की तुलना में, इस बार खेतों में आलू की फसल आधी से कम हो गई है, लेकिन किसानों की जेब अभी भी 40 रुपये प्रति किलो के थोक मूल्य के कारण समृद्ध हो रही है। बड़ौत का आलू अन्य राज्यों की मंडियों में नहीं बल्कि राज्यों को भेजा गया है। आजकल प्रतिदिन 8 से 10 वाहन मंडियों में जा रहे हैं। दूसरी ओर डीसी कांगड़ा राकेश प्रजापति ने कहा कि कृषि में भी रोजगार के बेहतरीन अवसर हैं। किसानों को अब खेती की अच्छी कीमत मिलेगी। इससे किसानों के चेहरे पर खुशी फिर से लौट आई है, और अब वे अच्छे दाम पाकर खुश हैं।