इंडियन आर्मी के सामने आतंकी बुरहान निकला कागज का शेर, पढ़ें एनकाउंटर की पूरी कहानी
बता दें कि कश्मीर घाटी का त्राल इलाका आतंकी गतिविधियों के लिए कुख्यात है। हिजबुल का पोस्टर ब्वॉय और खूंखार आतंकी बुरहान वानी यहीं का निवासी था। इस स्टोरी में आज हम आपको आतंकी बुरहान के एनकाउंटर की पूरी कहानी बताने जा रहे हैं।
8 जुलाई, 2016 की इंडियन आर्मी कैंप को यह सूचना मिली कि आतंकी बुरहान वानी कोकरनाग के पास बमडूरा गांव के एक मकान में मौजूद है, उसके पास ज्यादा हथियार नहीं हैं। सूचना पक्की थी, क्योंकि खुद इंटेलिजेंस और इंडियन आर्मी ने बुरहान को उस गांव में लाने का प्लान बनाया था। लिहाजा स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप यानि एसओजी पहले से ही उस गांव के पास तैनात थी।
दरअसल हिजबुल के आतंकी बुरहान वानी को उसकी एक गर्लफ्रेंड के जरिए बुलवाया गया था। सेना को यह बात पता थी कि बुरहान हमेशा अपने साथी सरताज के साथ चलता था। संयोग से एनकाउंटर वाले दिन भी वानी अपने दोस्त सरताज और परवेज के साथ ही था। लेकिन सरताज का फोन खुफिया एजेंसियों की रडार पर पहले से ही था।
ऐसे में सूचना मिलते ही इंडियन आर्मी के 100 जवानों तथा एसओजी के 35-36 जवानों ने कोकरनाग इलाके में डबल लेयर का घेरा डाल दिया। क्योंकि इस बार सेना बुरहान वानी किसी भी कीमत पर उसके खात्मे का सुनहरा मौका अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहती थी।
इंडियन आर्मी ने सीधे फायरिंग करने के बजाय उस घर में पीछे से आग लगा दी, जिसमें बुरहान वानी छुपा था। इस्लाम के मुताबिक, आग में जलकर मरने से नर्क मिलता है, इसीलिए आग लगते ही बुरहान और उसके साथी बाहर की तरफ भागे।
बुरहान वानी उस वक्त पूरी तरह से नशे में था। उसके साथी सरताज और परवेज ने उसके हाथ पकड़ रखे थे। मौका देख इंडियन आर्मी के जवानों ने वानी को घेर लिया और केवल 4 फीट की दूरी से ही उसे ढेर कर दिया। आर्मी का पहला निशाना बुरहान वानी था, जबकि उसके अन्य दो साथियों को जिंदा पकड़ने का प्लान था। लेकिन परवेज और सरताज की तरफ से हरकत होते देख सेना ने उन पर भी गोलियां बरसा दीं। अब तीनों आतंकी मारे जा चुके थे।
जब बुरहान वानी मारा गया था, उस वक्त उसके पास सिर्फ एक पिस्टल थी। वह हमेशा बुलेटप्रूफ जैकेट और कॉम्बेट ड्रेस पहने रहता था। लेकिन उस दिन वह सिविल ड्रेस में था। एनकाउंटर के दौरान हिजबुल का पोस्टर ब्वॉय बुरहान वानी एनकाउंटर के दौरान कागज का शेर निकला।
गौरतलब है कि आतंकी बुरहान वानी को उसकी गर्लफ्रेंड के जरिए ईद मिलन के बहाने वहां बुलाया गया था। करीब डेढ़ घंटे तक चले इस अभियान के बाद इंडियन आर्मी की टीम ने अपने अधिकारियों को सूचना दी कि बुरहान वानी मारा गया।