इंटरनेट डेस्क। स्वंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस परेड के अलावा कुछ खास मौकों पर हम सभी ने भारतीय सेना के तीन अंगों मिलिट्री, नेवी तथा एयरफोर्स के सैनिकों को सैल्यूट करते हुए जरूर देखा होगा।

आपको बता दें कि भारतीय सेना के इन तीन अंगों से जुड़े सैनिकों के सैल्यूट का तरीका बिल्कुल ही अलग होता है।

भारतीय थल सेना

थलसेना का जवान जब किसी को सैल्यूट करता है, तब वह अपनी हथेलियों को हमेशा सामने की तरफ रखता है। उसके हथेलियों की सभी उंगलियां जुड़ी होती हैं तथा बीच की उंगली आईब्रो के बिल्कुल नजदीक होती है। सैल्यूट का तरीका यह दर्शाता है भारतीय थल सैनिक सामने वाले का दिल से सम्मान कर रहा है। उसके मन में कहीं कोई दुर्भावना नहीं है।

भारतीय नौसेना

भारतीय नौसैनिक सैल्यूट करते समय अपनी हथेली को जमीन की तरफ 90 डिग्री कोण पर झुका कर रखते हैं। बता दें कि पहले नौसैनिक जहाजों पर काम किया करते थे, तब उनके हाथ आयल और ग्रीस से गंदे हो जाया करते थे। इसलिए अपने सीनियर आफिसर के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए वह अपने हथेलियों को नीचे झुका लिया करते थे। तब से इंडियन नेवी में सैल्यूट की यह परंपरा चलती आ रही है।

भारतीय वायु सेना

आजादी के बाद से लेकर साल 2006 तक इंडियन एयरफोर्स के सैनिक मिलिट्री सैनिकों की तरह ही सैल्यूट किया करते थे। लेकिन 2006 के बाद सैल्यूट के इस तरीके में बदलाव किया गया। सैल्यूट के इस नए तरीके में भारतीय वायु सेना के जवान अपने हथेली को 45 डिग्री कोण पर झुकाकर रखते हैं, तथा दाए हाथ को थोड़ा सा उपर उठा रखते हैं। भारतीय वायु सेना में सैल्यूट का यह तरीका मिलिट्री और नेवी के बीच का है।

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