इंटरनेट डेस्क। आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि द्वितीय विश्वयुद्ध के समय कई देश की सेनाओं ने रॉयल इनफील्ड बुलेट का इस्तेमाल किया था। अगर भारतीय सेना की बात करें तो रॉयल इनफील्ड बुलेट का इस्तेमाल 1949 में सीमा पर सैनिकों की गश्ती के लिए किया गया था। तब से लेकर आज तक यह सैन्य बाइक भारतीय सेना की शान बनी हुई है।

भारतीय सेना में रॉयल एनफील्ड बुलेट के अलावा किसी दूसरी बाइक का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। 1949 में भारतीय सैन्य अधिकारियों की ओर से इसे बेहतर सैन्य बाइक साबित करने के बाद ब्रिटीश कंपनी को मद्रास एनफील्ड इंडिया के रूप में एक कारखाना खोलने की अनुमति मिली। इसके बाद साल 1952 में इंडियन आर्मी ने 800 रॉयल एनफील्ड बुलेट बाइकें खरीदी।

इसके बाद साल 1955 में रॉयल एनफील्ड कंपनी ने भारत में इस बाइक को बनाना शुरू कर दिया। भारतीय सैनिक आज भी इस बुलेट के जरिए सीमा पर गश्ती करते हैं। रॉयल एनफील्ड ने भारतीय वायु सेना के सम्मान में करीब 500 बुलेट लांच की है। यह देखने में स्टाइलिश और दमदार है।

आज की तारीख में भी इंडियन आर्मी इसी रॉयल एनफील्ड बुलेट से जुड़ी हुई है। चाहे देश की सीमा पर गश्ती का सवाल हो या फिर गणतंत्र दिवस परेड के दौरान हैरंतगेज कारनामों को अंजाम देना हो, भारतीय सैनिक रॉयल एनफील्ड के साथ ही नजर आते हैं। रॉयल एनफील्ड अपनी मजबूती के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है, इसलिए इस बाइक का क्रेज ना केवल भारतीय सेना में बल्कि देश के युवाओं में आज भी बना हुआ है।

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