इंटरनेट डेस्क। हिम्मत, जज्बा और शौर्य का दूसरा नाम हैं भारतीय सेना। भारतीय सेना चाहे वो थल हो या वायु और जल, इनके शौर्य की गाथा विश्व भर में चर्चित हैं।

इंडियन आर्मी ने जाबांज जवान दुश्मनों से मोर्चा लेने में किसी भी विषम परिस्थितियों में नहीं घबराते हैं। इंडियन आर्मी और पाकिस्तान आर्मी के बीच हुआ कारगिल युद्ध कौन भूल सकता हैं, जिसमें हमारे सैनिकों ने बिना जान की परवाह किये फतह हासिल कर तिरंगा फहराया।

दरअसल कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी सेना ने द्रास कारगिल पहाड़ियों पर कब्जा करने की नापाक हरकत को अंजाम दिया था। पाकिस्तान की इस नापाक हरकत के बाद ही साल 1999 में कारगिल युद्द की शुरुआत हुई। 8 मई से 14 जुलाई तक चले इस कारगिल युद्ध में भारतीय सैनिकों ने अपने साहस का परिचय देते हुए दुश्मनों को चारों तरफ से खदेड़ कर भगा दिया। भारत को इस युद्ध के दौरान देश प्रेम और जज्बा देखने को मिला।

इस युद्द के पीछे पाकिस्तान की ये थी नापाक हरकत

3 मई को पहली बार भारतीय सेना ने गश्त के दौरान द्रास, काकसार और मुश्कोह सेक्टर में पाकिस्तानी घुसपैठियों को देखा। इसके बाद कुछ भारतीय जाबांज जांच के लिए चोटी पर गए, जिन्हें पाकिस्तानियों ने मार गिराया। इसके बाद साल 1999 में 9 मई को पाकिस्तानियों ने गोलाबारी की, जिसकी वजह से इंडियन आर्मी का गोला बारूद का संग्रह स्थल नष्ट हो गया। इसके बाद भारतीय सेना काफी सतर्क हो गई। और कुछ समय बाद कारगिल युद्द को अंजाम दिया गया।

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