Russian oil price cap: मोदी सरकार नहीं है रूसी तेल पर मूल्य सीमा को लेकर किसी भी दबाव में - केंद्रीय मंत्री
केंद्रीय पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि मोदी सरकार सात उन्नत देशों के समूह 'G-7' द्वारा प्रस्तावित रूसी कच्चे तेल पर मूल्य सीमा को लेकर किसी भी तरह के दबाव में नहीं है। आगामी 5 दिसंबर से G-7 के सदस्य देशों द्वारा प्रस्तावित रूसी कच्चे तेल पर मूल्य लागू किए जाने को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा, ' जब ऐसा होगा तब देखेंगे। मोदी सरकार इसे लेकर किसी तरह का दबाव महसूस नहीं कर रही है। मुझे भय या बेचैनी नहीं है। यदि ऐसा होता है तो लाजिस्टिक्स से मार्केट निपटेगा।
CNN के साथ एक इंटरव्यू में भी मंत्री ने यह बात दोहराई थी। उन्होंने कहा था कि रूय ये तेल खरीदने को लेकर भारत के पास ऐतराज करने की वजह नहीं है। पुरी ने भारत की खरीद को लेकर बचाव किया और कहा था कि यह केवल 0.2 फीसद रूसी तेल की खरीद करता है और यूरोप की तुलना में यह काफी कम है।
ग्रेटर नोएडा में आयोजित वर्ल्ड एलपीजी वीक 2022 के मौके पर आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को मीडिया से बातचीत की। 2 सितंबर को G7 देशों ने आय के सबसे बड़े स्रोत को सीमित करने के लिए रूस से निर्यात किए जाने वाले तेल की मूल्य सीमा लागू करने पर सहमति दी थी।
G7 के फैसले के अनुसार, शिपिंग व बीमा जैसे ट्रांसपोर्ट की सुविधाओं को रूस से तेल निर्यात पर लागू किया जाएगा। पिछले महीने वाशिंगटन में अमेरिका के ऊर्जा सचिव जेनिफर ग्रानहोम के साथ द्विपक्षीय बैठक के बाद पुरी ने बयान दिया था कि भारत सरकार का अपनी जनता के प्रति नैतिक कर्तव्य है कि उन्हें ऊर्जा उपलब्ध कराई जाए और यह तेल खरीदना जारी रखेगा, चाहें कहीं से भी सौदा करना पड़े।