लालू यादव जब सुबह-सुबह अपने बंगले के लॉन में लोगों से मिलने आते थे तो उनके हाथ में नीम की दातून होती थी। दरअसल नीम की दातून उनके दांतों के लिए तो अच्छी थी ही, उनकी छवि के लिए भी गजब का काम करती थी। अपनी वाकपटुता और गंवई अंदाज़ से दर्शकों और श्रोताओं को ठहाके लगाने पर मजबूर करने वाले लालू यादव ने अपनी यह छवि बड़े करीने से बनाई है। दरअसल इसके पीछे बहुत ही चतुर और प्रखर राजनीतिक दिमाग है।

द मैरीगोल्ड स्टोरी- इंदिरा गांधी एंड अदर्स की लेखिका कुमकुम चड्ढ़ा के मुताबिक, लालू यादव राजनीतिक रूप से बहुत परिपक्व हैं। उन्हें कब-क्या करना चाहिए, जिसका जनता पर असर हो, यह बात लालू यादव अच्छी तरह से जानते हैं।

बता दें कि लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी उन्हें साहेब कहकर पुकारती हैं। राबड़ी देवी को बिहार का मुख्यमंत्री बनाने के बाद लालू यादव को आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा था। एक बार बीबीसी के दफ़्तर में जब उनसे पूछा गया कि राबड़ी देवी के अलावा आपका किसी के साथ इश्क़-विश्क़ हुआ?

तब लालू यादव ने कहा था- हम दिल वाला आदमिये नहीं हैं, ई सब काम हम कभी नहीं किया। शादी से पहले राबड़ी देवी को हमने देखा भी नहीं था। आजकल तो जिससे शादी करना होता है, उसकी फोटो मंगाई जाती है। उस लड़की से मिलने के लिए पूरा परिवार जुटता है, फिर लड़का उस लड़की से सवाल पूछता है। हम तो गांव के लोग थे, हमसे कोई क्यों लव करेगा? फकीर के घर में पैदा हुए थे। अब तो इंटरनेट आ गया है, लोग मोबाइल से मैसेज भेजते हैं।

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