प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज करेंगे देश के सबसे लंबे रेल-सड़क ब्रिज का उद्घाटन
देश की सबसे लम्बी रेल सह सड़क ब्रिज को आज नरेंद्र मोदी हरी झंडी देंगे। ये पुल रेल सह सड़क बोगीबील पुल पर बनाया गया है। आपको बता दे कि ये ब्रिज देश का सबसे लम्बा ब्रिज है। यह असम से अरुणाचल प्रदेश की तरफ जाने में लगने वाले समय को कम करेगा। इस ब्रिज पर असम के तिनसुकिया से अरुणाचल के नाहरलगुन तक के लिए एक स्पेशल ट्रैन तिनसुकिया - नाहरलगुन इंटरसिटी एक्सप्रेस चलायी गयी है। ये ट्रैन एक सप्ताह में पांच दिन चलेगी , ब्रिज की कुल लम्बाई 4.9 किलोमीटर है। खबरों के अनुसार इस पुल की मदद से तिनसुकिया से नाहरलगुन कस्बे तक की रेलयात्रा में 10 घंटे से अधिक समय की बचत होगी। यह ट्रैन तिनसुकिया से दोपहर में रवाना होगी और नाहरलगुन से सुबह वापसी करेगी। बोगीबील पुल असम के डिब्रूगढ़ जिले में ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिण तट को अरूणाचल प्रदेश के सीमावर्ती धेमाजी जिले में सिलापाथर को जोड़ेगी। इस ट्रैन में कुल 14 कोच है।
पूर्वोत्तर फ्रंटियर रेलवे के प्रवक्ता नितिन भट्टाचार्य ने बताया, ‘‘मौजूदा समय में इस दूरी को पार करने में 15 से 20 घंटे का समय की तुलना में अब इसमें साढ़े पांच घंटे का समय लगेगा। इससे पहले यात्रियों को रेल भी कई बार रेल बदलनी पड़ती थी।’’जानकारी के अनुसार ये पुल 1985 में हुए असम समझौते के मुताबिक बोगीबील पुल को ब्रह्मपुत्र के ऊपर बनाने के लिए केंद्र सरकार ने सहमति दी थी जिसके 11 साल बाद इस पुल को 1996 में ही मंजूरी मिल गई थी। लेकिन इसका निर्माण कार्य 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने शुरू किया था 2007 में यूपीए सरकार ने इसे राष्ट्रीय परियोजना के नाम से घोषित कर दिया गया। असम के डिब्रूगढ़ को अरुणाचल के पासीघाट से जोड़ने वाले भारत के सबसे लंबे और रणनीतिक तौर पर महत्त्वपूर्ण बोगीबील पुल का काम 2002 से शुरू होने के बाद काफी धीरे हो गया था कांग्रेस की सरकार ने 2009 में इसका उद्घाटन करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन यह पूरा नहीं हो पाया। 2014 में मोदी की सरकार आने के बाद बोगीबील पुल पर तेजी से काम शुरू हुआ और आज पूरा हो गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की वर्षगांठ के अवसर पर इस बोगीबील पुल पर रेल आवागमन की शुरूआत आज झंडी दें कर करेंगे।
भारत के लिए भी महत्त्व पूर्ण है ये पुल -
बोगीबील का पुल भारत के लिए रणनीतिक तौर से काफी महत्वपूर्ण बताया जा रहा है। भारतीय सेना और सुरक्षाबलों को अरुणाचल और असम के सभी हिस्सों के लिए ऑल टाइम कनेक्टिविटी देने के लिए यह पुल महत्वपूर्ण भूमिका में होगा। इसे अरुणाचल में कई जगहों को रेलवे लाइन से सीधा जोड़ा गया है भारत सरकार ने पहले ही तवांग के लिए रेलवे लाइन बिछाने का काम शुरू कर दिया है तो ऐसे में बोगीबील पुल अरुणाचल को पूरी तौर से भारतीय रेलवे के अलग-अलग स्टेशनों से जोड़ने का काम करेगा।