भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक को छह महीने के लिए दिशा-निर्देशों के तहत रखा है। बैंक ने ग्राहकों द्वारा उधार दिए जाने और विथड्रॉल आदि पर प्रतिबंध लगा दिया है। दरअसल बैंक में वित्तीय गड़बड़ियों की वजह से RBI ने खाता धारकों को हज़ार रुपये से ज़्यादा देने रोक लगा दी है। इसलिए लोगों की लंबी कतारें भी लग रही है।

यह 23 सितंबर, 2019 को बैंक के कारोबार के करीब से लागू होता है, जो एक परिपत्र में RBI द्वारा निर्धारित शर्तों के अधीन है। जमाकर्ता किसी भी बचत या चालू खाते या किसी अन्य जमा खाते में कुल शेष राशि के 1,000 रुपये से अधिक नहीं निकाल पाएंगे।

इस अवधि के दौरान, को-ऑपरेटिव बैंक्स भी लोन और एडवांस को रिन्यू करने, किसी भी निवेश करने या किसी भी देयता को लागू करने में असमर्थ होगा, जिसमें धनराशि उधार लेना और नए जमा की स्वीकृति शामिल है।

केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि दिशा-निर्देशों का मुद्दा बैंकिंग लाइसेंस को रद्द करना नहीं है। आरबीआई ने कहा है कि उक्त अधिनियम की सहकारी समितियों पर लागू धारा 35 ए और धारा 56 की उपधारा (1) के तहत जनहित में निर्देश जारी किए जा रहे हैं।

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