भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकेट को लेकर भाजपा में खलबली मची हुई है। भारतीय किसान संघ के नेता राकेश टिकेट को लेकर भाजपा राजनीतिक उथल-पुथल की स्थिति में है। पार्टी के भीतर, लोनी के विधायक नंद किशोर गुर्जर की बर्खास्तगी की मांग बढ़ रही है। राकेश टिकैत कृषि कानूनों के खिलाफ गाजीपुर में सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। भाजपा इस समय आंतरिक कलह देख रही है।

लोनी की अध्यक्ष रंजीता धामा ने कहा कि विधायक ने किसानों को भाजपा की छवि धूमिल करने के लिए उकसाया था। लोनी की विधायिका द्वारा पार्टी की छवि पहले ही धूमिल कर दी गई थी। लोनी के विधायक ने विपक्षी नेताओं के साथ विधानसभा के बाहर धरना दिया। गुरुवार को राकेश टिकेट ने भाजपा के दोनों विधायकों किशोर गुर्जर और सुनील शर्मा पर गुंडागर्दी का आरोप लगाया। इसके साथ ही राकेश टिकेट दूसरी बार धरने पर बैठे।

हालांकि, लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर इस बात से इनकार कर रहे हैं कि वह गाजीपुर सीमा पर गए थे, लेकिन 26 जनवरी के बाद पत्र लिखकर राकेश टिकैत सहित योगेंद्र यादव जैसे किसान नेताओं को फांसी देने की मांग की। अब, भाजपा विधायक रंजीता धामा ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि राकेश टिकैत से पहले एक शांतिपूर्ण गिरफ्तारी के लिए तैयार थे, लेकिन विधायक नंद किशोर गुर्जर के आंदोलन स्थल पर पहुंचने के बाद, उन्होंने न तो गिरफ्तारी की और न ही धरना समाप्त किया।

उस समय पिकेट लाइन पर 500 से 700 आदमियों का एक समूह था। विधायक नंद किशोर ने जानबूझकर इसे हजारों लोगों की भीड़ में बदल दिया। लोनी ने चेयरमैन को लिखे पत्र में कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों में विधानसभा नंद किशोर गुर्जर समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहते हैं। जिसके लिए सरकार को भीतर से खाँसने की साजिश रची जा रही है।

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