बिहार की दलित राजनीति के दिग्गज सितारे रामविलास पासवान का जाना बिहार की राजनीति के एक युग के अंत जैसा है। लेकिन बात करे उनकी पहली पत्नी की तो राजकुमारी देवी के इंतजार का भी आज अंत हो गया है, राजकुमारी 40 साल से खगड़िया के अलौली के सरवनी गांव में इंतजार में अकेली बैठी थी। इंतजार था रामविलास पासवान से मिलने की, जिसकी उम्मीद साल दर साल कम होती जा रही थी, लेकिन 2015 में जब रामविलास पासवान अपने पिता की बरसी में गांव आएं तो आमना-सामना हुआ।

कोई बात तो नहीं हुई, लेकिन राजकुमारी देवी ने रामविलास पासवान के पांव छूये। बस यही एक याद है जो आज भी राजकुमारी के पास है। वह इस पल को याद करती हैं और बेजार रोने लगती हैं। रोते-रोते बेहोश होती हैं तो लोग होश में लाते हैं फिर रोती और फिर बेहोश हो जाती हैं। राजकुमारी की शादी महज 13 साल की उम्र में रामविलास पासवान से हुई थी। रामविलास उस समय 14 साल के थे।

राजकुमारी देवी आज भी अपने पैतृक आवास में अकेली रहती हैं। बीमार होने पर पटना तो आती हैं, लेकिन कभी 2 महीने से ज्यादा बेटी-दामाद के पास नहीं रहतीं। कहती हैं बेटी-दामाद के घर कितने दिन रहूंगी। यहां रहूंगी तो मेरे घर को कौन देखेगा।

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